आबि गेल नव वर्ष।
प्रणाम-प्रणाम औ भाई कि भेल औ भाई
हृदयक स्नेह पठा रहल छी औ भाई।
आबि गेल नव वर्ष मंगलमय संसार हुए
विश्व शांति लेल मंगल कामना करैत छी औ भाई।।
नव वर्षऽक नएका-नएका बसंती उमंग
सभ मिली बनभोज करब दोस महीमक संग।
हम बजाएब ढ़म ढ़म ढ़ोल अहॉ गाउ गीत
कक्का खुशी सॅं बजा रहल छथि मृदंग।।
कक्का बजलाह कहू की हाल-चाल
काकी बजलीह आबि गेल नवका साल।
आई सभ मिली एक संगे खशी मनाएब
हृदयक स्नेह हम सभ केॅं पठाएब।।
नवका आंगी नवका नुऑं
नवकी कनियॉं पुरी पकाबैए।
बुढ़बा बाबा बड़-बड़ बाजैए
धिया-पूता खूम उधम मचाबैए।।
पठबैत छी किछू नव-नव सनेश
ई सनेश अहॉं सहज स्वीकार करू।
नव वर्षऽक अछि सादर शुभकामना
सदखनि अहॉं हॅसैत मुस्कुराइत रहू।।
जहिना चमकै छै चकमक चॉंद
ओहिना अहॉं चमकैत रहू।
एतबाक करैत छी हम कामना अपना माटि-पानि लेल
किछू सार्थक काज करैत रहू।।
लेखक:- किशन कारीग़र
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