मिथिलांचल टुडे मैथिलि पत्रिका

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रविवार, 6 अक्तूबर 2013

पंडित रामाशीष पाठक के विनम्र श्रद्धांजलि


प्रसिद्ध पखावज वादक पंडित रामाशीष पाठक आब हमरा लोकनिक विच नहि रहला, हूनकर  निधन भ गेलइन। अमता घरनाक पंडित रामाशीष पाठक के विनम्र श्रद्धांजलि..अप्पन पखावज वादन लेल ओ प्रसिद्ध आ संगीत नाटक अकादेमी सहित कतेको पुरस्कार सं अलंकृत भेल छलाह..पंडित जी के निधन शास्त्रीय संगीत जगत लेल एकटा अपूर्णीय क्षति अछि...विनम्र श्रद्धांजलि ... 

गुरुवार, 12 सितंबर 2013

गजल

आइ किछु मोन पडलै फेरसँ किए
भाव मोनक ससरलै फेरसँ किए

टाल लागल लहासक खरिहानमे
गाम ककरो उजडलै फेरसँ किए

आँखि खोलू, किए छी आन्हर बनल
नोर देशक झहरलै फेरसँ किए

चान शोभा बनै छै गगनक सदति
चान नीचा उतरलै फेरसँ किए

"ओम" जिनगी अन्हारक जीबै छलै
प्राण-बाती पजरलै फेरसँ किए
(दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ)-(ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ)-(दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ)
(फाइलातुन-फऊलुन-मुस्तफइलुन) - १ बेर प्रत्येक पाँतिमे

गुरुवार, 5 सितंबर 2013

गजल

कहियो तँ हमर घरमे चान एतै
नेनाक ठोर बिसरल गान गेतै

निर्जीव भेल बस्ती सगर सूतल
सुतनाइ यैह सबहक जान लेतै

मानक गुमान धरले रहत एतय
नोरक लपटिसँ झरकिकऽ मान जेतै

सुर ताल मिलत जखने सभक ऐठाँ
क्रान्तिक बिगुलसँ गुंजित तान हेतै

हक अपन "ओम" छीनत ताल ठोकिकऽ
छोडब किया, कियो की दान देतै

(दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ)-(ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ)-(ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ)
(मुस्तफइलुन-मफाईलुन-फऊलुन)- प्रत्येक पाँतिमे एक बेर

बुधवार, 31 जुलाई 2013

भिखारिन-हिन्दीसँ अनुवादित कथा- लेखक*रवींद्रनाथ टैगोर अनुवादक -रोशन कुमार मैथिल

भिखारिन-हिन्दीसँ अनुवादित कथा-  लेखक*रवींद्रनाथ टैगोर
अनुवादक -रोशन कुमार मैथिल

अन्हरी प्रतिदिन मन्दिरक दुआरिपर जा ठाढ़ होइत छली, दर्शन के निहार बाहरि निकलैत छल तँ ओ अपन हाथ पसारि दैत छली आ नम्रताक संग कहैत छली जे - बाबूजी, अन्हरीपर दया कयल जाउ।

ओ जानै छली जे मन्दिरमे आबऽ वला सहृदय आ श्रध्दालु होइत छथि। ओकर ई अनुमान असत्य नञि छल। आबऽ-जाय वला दू-चारि पाइ ओकरा हाथपर राखियो दैत छला। अन्हरी हुनका लोकनिकेँ आशीष दैत छली आ हुनका लोकनिकेँ सहृदयताकेँ सराहना करैत छली। स्त्री लोकनि सेहो ओकरा खोइछामे कनी मनी अन्न दऽ जायल करैत छली।

भोरसँ साँझ धरि ओ एहि प्रकारे हाथ पसार ठाढ़ रहैत छली। एकरा बाद ओ मने मन भगवानकेँ प्रणाम करैत छली आ अपन लाठीक मदतिसँ झोपड़ीक बाट दिस विदा भऽ जाइत छली। ओकर झोपड़ी नगरिसँ बाहरि छल। बाटमे ओ सेहो याचना करैत जाइत छली, ओना राह-बटोही लोकनिमे बेसी संख्या श्वेत वस्त्र वलाकेँ होइत छल, जे पाइ देबाक बदला दबारि दैत छल। तखनो अन्हरी निराश नञि होइत छली आ ओकर याचना बराबर चलैत रहैत छल। झोपड़ी धरि पहुँचैत पहुँचैत ओकरा दू चारि पाइ आरो भेट जाइत छल।

झोपड़ीक लग पहुँचैत देरी एक गोट दस बरख लड़का कूदैत फानैत ओकरासँ चिपटि जाइत छल। अन्हरी टटोलबाक बाद ओकर माथकेँ चूमैत छली।

बच्चा के  अछि? केकर अछि? कतऽ सँ आयल? एहि बातसँ कोनो परिचय नञि छल। पाँच बरख भेल पास-पड़ोसक लोक  ओकरा एसगर देखने छल। एहि क्रममे एक दिन साँझक समय लोक सभ ओकर कोरामे एक गोट नेनाकेँ देखलक , ओ कानि रहल छल, अन्हरी ओकर मुख चूमि-चूमि कऽ ओकरा चुप करेबाक प्रयास कऽ रहल छली। ई कोनो असाधारण घटना नञि छल, अत: क्यौ नञि पूछलक जे बच्चा केकर अछि। ओहि दिनसँ ई बच्चा अन्हरीक लग रहैत छल आ खुश छल। ओकरा ओ अपनासँ नीक नीकुति भोजन करबैत छल आ पहिरबैत छल।

अन्हरी अपन झोपड़ीमे एक गोट हाण्डी गाड़ि कऽ रखने छली। साँझक समय जे किछऊ माङि कऽ ओन आनैत छल तकरा ओहिमे धऽ दैत छल आ कोनो वस्तुसँ ओकरा झापि दैत छल। कारण दोसर व्यक्तिक नजरि एहिपर नञि पड़ै। भोजन लेल अन्न बड़ बेसी भेट जाइत छल। ओहिसँ ओ काज चलबैत छली। पहिने नेनाके ँ पेट भरि खूआ दैत छली तकर बाद अपने खाइत छली। रातिकेँ ओ बच्चाकेँ अपना छातीसँ लगा पड़ल रहैत छली। भोर होइ देरी ओकरा खूआ पिया मन्दिरक दुआरिपर जा ठाढ़ होइत छली।
2

काशीमे सेठ बनारसीदास बहुत प्रसिध्द व्यक्ति छथि। धिया पुता लोकनि हुनका कोठीसँ परिचित अछि। बहुत पैघ देशभक्त आ धर्मात्मा छथि। धर्ममे हुनकर बड़ बेसी सुचि छनि। दिनक बारह बजे धरि सेठ स्नान-ध्यानमे संलग्न रहैत छला। कोठीपर सदिखन भीड़ लागल रहैत छल। कर्जक इच्छुक सभ तँ आबिते छला, मुदा एहन व्यक्ति लोकनिक सेहो ताता लागल रहैत छल जे अपनी पूञ्जी सेठजीक लग धरोहरक रूपमे राखऽ आबैत छला। सैकड़ो भिखारी अपन जमा-पूञ्जी एहि सेठजीक लग जमा कऽ जाइत छल। अन्हरीकेँ सेहो ई बात बूझल छल, मुदा नञि जानि एखन धरि ओ अपन कमाइ एतऽ जमा करेबामे किया हिचकिचा रहल छली।

ओकरा लग बेसी टाका भऽ गेल छल, हाण्डी लगभग पूर्ण तरहे भरि गेल छल। ओकरा शंका छल जे क्यौ चुरा नञि लय। एक दिन साँझक समय अन्हरी ओहि हाण्डीकेँ उखाड़लक आ अपन फाटल आंचरमे नूका सेठजीक कोठीपर पहुँचल।

सेठजी बही-खाताक पेजकेँ उनटि पुनटि रहल छला, ओ पूछलनि- की गे बुढ़िञा?

अन्हर हाण्डी ओकरा आगामे सरकार देलक आ डरैत डरैत कहलक- सेठजी, एकरा आहाँ अपन लग जमा कऽ लियऽ, हम अन्हार, अपाहिज कतऽ एकरा राखने खूरब।

सेठजी हाण्ड दिस देखलनि आ कहलनि जे एहिमे की अछि?

अन्हरी उत्तरि देलक- भीख माङि-माङि अपन नेना लेल दू चारि टाका जमा केलौ अछि, अपना लग रखबामे डर होइत अछि, कृपया एकरा अहाँ अपना कोठीमे राखि ली।

सेठजी मुंशी दिस संकेत करैत कहलनि- खातामे जमा कऽ दियौ। फेरो बुढ़ियासँ पूछा-तोहर नाम की अछि?

अन्हरी अपन नमा बतेलक, मुंशी नकद गिन कऽ ओकरा नामसँ जमा कऽ लेलनि आ ओ सेठजीकेँ आशीर्वाद दैत अपन झोांड़ीमे चलि गेली।

3

दू बरख बहुत सुखक संग बीतल। एकर पश्चात एक दिन लड़काकेँ ज्वर आबि गेल। अन्हरी दवा-दारू केलक, झाड़-फूंकसँ सेहो काम लेलक, टोना-टोटकाक परीक्षा के लक, मुदा सम्पूर्ण प्रयत्न व्यर्थ सिद्ध भेल। लड़क ाक दशा दिन-प्रतिदिन खराब होाइत गेल। अन्हरीक ह्दय टूटि गेल। निराश भऽ गेल। ओना फेरो ध्यान आयल जे सम्भवत: डॉक्टरक इलाजसँ लाभ भऽ जाय। ई विचार आबैत देरी ओ खसैत पड़ैत सेठजीक कोठीपर आयल। सेठजी उपस्थित छला। अन्हरी कहलक- सेठजी हमर जमा-पूञ्जीमेसँ दस-पाँच गोट टाका भेट जाय तँ बड़ कृपा होयत। हमर बच्चा मरि रहल अछि, डॉक्टरकेँ दिखायब।

सेठजी कठोर स्वरमे कहलनि जे - कहन जमा पूञ्जी? के हन टाका? हमरा लग के करो कोनो पाइ जमा नञि अछि।

अन्हरी कानैत कानैत उत्तर देलक- दू बरख भेल हम अहाँ लग अपन धरोहन राखि गेल छलौ। दऽ देब तँ बड़ पैघ दया होयत।

सेठजी मुनीमक दिस रहस्यमयी दृष्टिसँ देखैत कहलनि- मुंशीजी, कनी देखु तँ, एकरा नामपर कोनो पूञ्जी जमा अछि की? तोहर नाम की छियौ गै?

अन्हरीक जानमे जान आयल। आशा बन्हायल। पहलि उत्तर सुनि ओ सोचली जे सेठ बैमान अछि, मुदा आब सोचऽ लागली जे सम्भवत: ओकरा ध्यान नञि रहल होयत। एहन धर्मी व्यक्ति भला झूठ बाजि सकैत अछि? ओ अपन नाम बता देलक। उनटि-पुनटि कऽ देखल गेल। फेरो कहलक- नञि तँ। एहि नामपर कोनो टाका जमा नञि  अछि।

अन्हरी ओतहि जमि कऽ बैसल रहली। ओ कानैत कानैत कहलनि- सेठजी, परमात्माक नाम पर, धर्मक नाम पर, किछु दऽ दियऽ।हमर बच्चा जीब जायत। जीवन-भरि आहाँक गुण गायब।

मुदा पाथरमे जोंक नञि लागल। सेठजी तमसाइत कहलनि- जेमे की नौकर सभकेँ बजबियौ।

अन्हर लाठीक दमपर ठाढ़ भऽ गेली आ सेठजीक दिस मुंह ताकैत बजली- चलू भगवान आहाँक बड़ बेसी दय। आ ओ अपन झोपड़ी दिस चलि देलक।

ई आशीष नञि छल अपितु एक दुखहारिणक शाप छल। बच्चाक दशा बिगड़ैत गेल। दवा-दारू भेबे नञि कयल। तखन लाभ कियक होइतै। एक दिन ओकर अवस्था चिन्ताजनक भऽ गेल। प्राण बचब कठिन भऽ गेल। ओकरा बचबाक आश अन्हरी सेहो छोड़ि देने छली। सेठजीपर रहि-रहि कऽ ओकर तामश आबैत छल। एते धनी व्यक्ति अछि। दू चारि टाका दऽ दैतै तँ भऽ जायतै ओकर। हम ओकरासँ दान तँ नञि माङि रहल छला। अपना जमा कयल टाका माङबा लेल गेल छलौ। सेठजीसँ ओकर घृणा भऽ गेल।

बैसल बैसल ओकरा कि छु ध्यान आयल। ओ अपन बच्चाकेँ कोरामे उठा खसैत पड़ैत सेठजीक लग पहुँचली आ हुनका दुआरिपर धरना दऽ बैस गेली। बच्चाक शरीर ज्वरसँ भभकि रहल छल आ अन्हरीक कलेजा सेहो।

एक गोट नौकर कोनो कामसँ बाहर आयल। अन्हरीकेँ बैसल देख ओ सेठजीकेँ सूचना देलक। सेठजी आज्ञा देलनि जे ओकरा भगा देल जाय।

नौकर अन्हरीसँ चलि जेबा लेल कहलक, मुदा ओ ओहि स्थानपरसँ नञि हिलली। मारबाक डर देखेलक, मुदा ओ टससँ मस नञि भेल। ओ फेरो अन्दर जा कहलक जे ओ नञि जा रहल अछि।

सेठजी स्वयं बाहर एला। देखैत देरी चिह्न गेला। बच्चाकेँ देख हुनका बड़ बेसी आश्चर्य भेल जे ओकर शक्ल-सूरत हुनकर मोहनसँ बड़ बेसी मिलैत जुलैत अछि। सात बरख भेल तखन मोहन कोनो मेलामे हरा गेल छल। ओकर बहुत ताका हारि कयल गेल, मुदा ओकर कोनो पता नञि चलल। हुनका मोन पड़ल जे मोहनक जांघपर एक लाल रंगक चिन्ह छल। एहि विचारकेँ आबैत देरी ओ अन्हरीक कोराक बच्चाक जांघ देखलनि। चिन्ह अवश्य छल, मुदा पहिनेसँ किछु पैघ। हुनका विश्वास भऽ गेल जे ई बच्चा हुनकर छनि। तुरन्त ओकरा छीन ओ अपन कलेजासँ बच्चाकेँ लगा लेलनि। देर बुखारसँ तपि रहल छल। नौकरकेँ डाक्टर आनबा लेल पठौलनि आ अपने स्वयं घरक अन्दर चलि देलनि।

अन्हरी ठाढ़ भऽ गेल आ चिकरऽ लगली- हमर बच्चाकेँ नञि लऽ जाउ, हमर टाकातँ हजम कऽ गेलौ आब की हमर बच्चा हमरासँ छीनब।

सेठजी बहुत चिन्तित भेला आ कहलनि जे बच्चा हमर अछि। यैह बच्चा अछि जे सात बरख पहिने कतौ हेरा गेल छल आब भेटल अछि। आब एकरा कतौ नञि जाय देब। लाख प्रयास कऽ एकर प्राण बचायब।

अन्हरी जोरसँ ठहाका लगेलनि- तोहर बच्चा अछि, एहि लेल लाख प्रयास कऽ ओकर बचायब। हमर बच्चा रहितै तँ ओकर मरि जायब दैतौ, की? ईहो कोनो न्यास अछि। एतेक दिन धरि खून-पसीना एक कऽ ओकरा पोसलौ अछि। हम ओकरा अपन हाथसँ नञि जाय देब।

सेठजीक दशा अजीब छल। किछु केनेसँ बात नञि बनि रहल छलनि। किछु काल ओ चुपचार ठाढ़ रहला फेरो मकानक अन्दर चलि गेला। अन्हरी किछु समय धरि ठाढ़ कानैत रहली फेरो अपन झोपड़ी दिस चलि देलक।

दोसर दिन भोरमे भगवानक कृपा भेल वा दवाइ जादू सन प्रभाव देखेलक। मोहनक बुखार उतरि गेल। होश एबापर ओ आँखि खोललक तँ सभसँ पहिल शब्द ओकरा मुँहसँ निकलल माँ।

चहुंओर अपरिचित शक्ल देख ओ अपन आखि फेरो बन्न कऽ लेलक। ओहि समयसँ ओकर बुखरा फेरोसँ बेसी होयब प्रारम्भ भऽ गेल। मां-मां केर रट लागल छल। डॉक्टर लोकनि सेहो जवाब दऽ देलनि। सेठजीक हाथ पैर फू लि गेल। हुनका चहुुओर अन्हार देखइ देबऽ लगलनि।

की करी एक गोट बच्चा अछि। एतेक दिनक बाद भेटबो कयल तँ मृत्यु ओकरा अपना मुट्ठिमे दबा रहल अछि।  एकरा कोनो बचाबी?

अचानक हुनका अन्हरीक ध्यान आयल। पत्नीकेँ बाहर पठौलनि जे देखु जे ओ एखन धरि ओ दुआरिपर नञि बैसल होइञ मुदा ओ ओतऽ कहाँ छल? सेठजी फिटन तैयार करौलनि आ बस्तीसँ बाहर ओकरा झोंपड़ीपर पहुँचलनि। झोपड़ी बिना केबाड़क छल। अन्दर गेला। देखलनि एक गोट फाटल-पुरान टाटपर अन्हरी पड़ल अछि। ओकरा आँखिसँ नोर बहि रहल अछि। सेठजी आस्तेसँ ओकर हिलेलनि। ओकर देह सेहो आगिक भाँति तपि रहल छल।

सेठजी कहलनि-बुढ़िया! तोहर बच्चा मरि रहलौ अछि। डॉक्टर सेहो निराश भऽ गेल अछि। रहि रहि ओ तोरा चिकरि रहल छौ। आब तूही ओकर प्राण बचा सकै छ:। चल आ हमर...नञि नञि तु अपन बच्चाक जान बचा ले।

अन्हरी उत्तर देलक - मरैत अछि तँ मरऽ दियौ। हम सेहो मरि रहल छी। हम दुनू स्वर्ग-लोकमे फेरोसँ मां-बेटाक तरहे मिल जायब। एहि लोकमे सुख नञि अछि। ओतऽ हमर बच्चा सुखमे रहत। ओतऽ ओकर सुचारू ढ़गसँ सेवा-सुश्रूषा करब।

सेठजी कानऽ लगला। आइ धरि ओ किनको सोझामे माथ नञि झूकेने छला। ओना एखन ओ अन्हरीक पैरपर खसि पड़ला आ कानैत कानैत कहलनि- ममाताक राख राखि ले। तु हु तँ ओकर माँ छ: चल, तोरा जेबासँ ओ बचि जायत।

ममता शब्द अन्हरीकेँ विकल कऽ देलक। ओ तुरन्त कहलक - ठीक अछि चलु।

सेठजी सहारा दऽ ओकरा फिटनपर बैसौलक। फिटन घरक दिस दौड़ऽ लागल। ओहि समय सेठजी आ अन्हरी भिखारिन दुनूक दशा एक छल। दुनू केर ई इच्छा छल जे शीघ्र-सँ-शीघ्र अपन नेना लग पहुँचि जाय।

कोठी आबि गेल। सेठजी सहारा दऽ अन्हरीकेँ उतारि अन्दर लऽ गेला। भीतर जा अन्हरी मोहनक माथपर हाथ फेरलनि। मोहन पहचानि गेल जे ई ओकर मायक हाथ अछि। ओ तुरन्त आँखि खोलि देलक आ ओकरा अपना लगमे ठाढ़ देख कहलक-मां, तु आबि गेलऽ।

अन्हरी भिखारिन मोहनक सिरौहनामे बैस गेला आ ओ मोहनक माथ अपना कोरामे राखि लेलनि। हुनका बड़ बेसी सुखक अनुभव भेलनि आ ओकरा कोरामे तुरन्तमे सुति गेल।

दोसर दिनसँ मोहनक दशा नीक होबऽ लागल। दस-पन्द्रह दिनमे ओ बिल्कुल स्वस्थ भऽ गेल। जे काम हकीमक जोशान्दा, वैद्यक पुड़िया आ डॉक्टर लोकनिक मिक्सचर नञि कऽ सकय से ओहि अन्हरीक स्नेहमयी सेवा पूरा कऽ देलक।

मोहनक पूर्ण तरहे स्वस्थय भऽ जेबापर अन्हरी विदा माङलक। बहुत-किछु कहला-सुनबाक बादो जखन ओ ओ हुनका लग रहबा लेल तैयार नञि भेल तखन विवश भऽ हुनका विदा करऽ पड़ल। जखन ओ चलऽ लागल तँ सेठजी टाकाक एक गोट झोरी ओकरा हाथमे दऽ देलनि। अन्हरी पता केलक जे एहिमे की अछि?

सेठजी कहलनि जे -एहिमे तोहर धरोहर अ,ि तोहर टाका। हमर ओ अपराध।

अन्हरी बात काटि कऽ कहलनि- जे ई टाका तँ हम तोहरे मोहन लेल संग्रह केने छल। ओकरे दऽ देब।

अन्हरी झोरी छोड़ि देलक आ लाठी टेकै त चलि देलक। बाहर निकलि कऽ ओ फेरो ओ ओहि घरक दिस आँखि उठा देखलक। सेठक नेत्रसँ नोर बहि रहल छल, मुदा ओ एक गोट भिखारिन हेबाक बाद ओहि सेठसँ महान छली। एहि समय सेठ याचक छला ओ दाता छली। 

शुक्रवार, 31 मई 2013

Manish Jha Bauabhai (Freelance Writer): एहनो कतउ भेलइए ?

परूँका साल ३१ मई क'  भोरे भोर जतेक समाचार सुनबा में आबय सबटा अचम्भिते करै बला I टेलीविजन चालू करिते देखै छी जे सगरो दिल्ली आ देश के आन आन भाग में यत्र-तत्र बाट जाम के खबरि,यातायात के सुविधा बाधित,कारण की ? कारण ई जे, पेट्रोल के मूल्य में असामान्य वृद्धि के विरुद्ध जनमोर्चा, आ ताहि  जनमोर्चा में अपसियांत लोक में सभ वर्ग स' मिश्रित आम आदमी जिनक प्रतिनिधित्व करैत किछु नवोदित, किछु परिपक्व आ किछु वरिष्ठ राजनीतिक व्यक्ति लोकनि I ओना हिनका लोकनिक हस्तक्षेप भेनाइ सेहो परमावाश्यके , कारण जे हमरा लोकनिक बीच एहेन जनधारणा अछि जे विपक्षी लोकनि अगुएता तखने सत्ताधारी के आंखि फुजतन्हि, भले ही ओ स्वयं सत्ता में एलाक बाद जे करथि,आ जं' से नहि होईतै त' आइ ई दिन कियै देख' परैइयै I महंगाई के विरोध त' आदि काल स' होइत आयल अछि, अंतर एतबे छै जे पहिले सामान्य वृद्धि होइत छल आ आब असामान्य वृद्धि (अनिश्चित अनुपात में) होइत अछि, आओर इएह अनिश्चितता हमरा लोकनिके बाट पर ठाढ़ करबा लेल बाध्य क' दैत अछि I आब एकर नतीज़ा संध्या कालक समाचार में  देखल जे पूर्ण हास्यास्पदे अर्थात असामान्य वृद्धि के विरोध में हो-हल्ला भेलाक बाद सामान्य कमी, कियैक त' सरकार के ई आभास त' रहिते छैक जे हो-हल्ला हेबे करतै त' चलू कनेक उसास क' देल जेतै आ ठीक तहिना दोसर दिन स' सब किछु पूर्ववते अर्थात सरकार महगाई बढब' में एक बेर फेर सफल I पूरा पढबा लेल क्लिक करू Manish Jha Bauabhai (Freelance Writer): एहनो कतउ भेलइए ?

मनीष झा "बौआभाइ"
ग्राम+पो.-बड़हारा,भाया-अंधराठाढी(मधुबनी)  
मो.-09717347995 (दिल्ली)
उपलब्धि संग्रह: http://writermanishjha.blogspot.com

रविवार, 26 मई 2013

चलू देरेसँ सही, मुदा मिथिलाक लोक ई तँ मानै छथि जे नागार्जुन गलती केने छला। हुनका तँ आब सजाय नञि देल जा सकैत अछि। ओना नव साहित्यकार आ लेखक लोकनिकेँ एहिसँ किछु सन्देश लेबक चाही। आब आबी मुल बातपर हमरा जनतबे जहिया यात्री जीकेँ मैथिलीमे साहित्य अकादमी पुरस्कार देल गेल तहियो राजनीती भेल छल, जहिया उषा किरण खानकेँ भेटल तहिया सेहो आ एहि बेर शेफालिका वर्माकेँ भेटल ताहिमे सेहो राजनीती भेल। ई लुट सकै सो लुटि वला बात मैथिली साहित्यमे कोनो नव नञि अछि। तखन सुकान्ता सोम सन वरिष्ठ पत्रकार एहि बातपर बतकुच्चनि कऽ की कहऽ चाहै छथि???????


  चलू देरेसँ सही, मुदा मिथिलाक लोक ई तँ मानै छथि जे नागार्जुन गलती केने  छला। हुनका तँ आब सजाय नञि देल जा सकैत अछि। ओना नव साहित्यकार आ लेखक लोकनिकेँ एहिसँ किछु सन्देश लेबक चाही।
आब आबी मुल बातपर हमरा जनतबे जहिया यात्री जीकेँ मैथिलीमे साहित्य अकादमी पुरस्कार देल गेल तहियो राजनीती भेल छल, जहिया उषा किरण खानकेँ भेटल तहिया सेहो आ एहि बेर शेफालिका वर्माकेँ भेटल ताहिमे सेहो राजनीती भेल। ई लुट सकै सो लुटि वला बात मैथिली साहित्यमे कोनो नव नञि अछि। तखन सुकान्ता सोम सन वरिष्ठ पत्रकार एहि बातपर बतकुच्चनि कऽ की कहऽ चाहै छथि???????

शुक्रवार, 24 मई 2013

आदरनीय सुकान्त सोमजी... मिथिला दर्शनक अंकमे ‘लुटि सकय सो लुटि’ वला लेख पढ़लौ। पढ़बाक क्रममे किछु बात सोचक लेल विवश भऽ गेल रही जे आइ अपनेक समक्ष राखि रहल छी। अपने एहि लेखमे साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त करबा लेल भऽ रहल राजनीतिपर लिखलौ अछि, मुदा एहि बातक उल्लेख नञि केलौ जे हिन्दीक वरिष्ठ साहित्यकार हेबाक बाद नार्गाजुनकेँ मैथिलीमे साहित्य अकादमी पुरस्कार कोनो भेटल? मैथिलीके ँ बारि देनिहार साहित्यकार फेरो मैथिलीमे कियक लिखलनि। की मात्र पुरस्कार प्राप्त करबा लेल। हमरा तँ जेना बुझाइत अछि जे पोथी लिखबाक पहिनेसँ ओ आश्वसथ छला जे हुनका पुरस्कार अवश्य भेटतनि। जे भेटबो केलनि। की ओहि समय ई पुरस्कार मात्र किछु खास लोकक कारणे ँ हुनका नञि भेटल छलनि??? एहिमे कोनो सन्देहक बात नञि जे यात्रीजी मैथिली भाषाक विकास लेल बड़ किछु केलनि, मुदा प्रश्न उठैत अछि जे नागार्जुन मैथिली लेल की केलनि। जखन हुनका हिन्दी सनक अथाह समुद्र वला साहित्य जगतमे थाह नञि भेटलनि तँ आबि गेला मैथिली साहित्यमे डूबकुनिञा काटऽ लेल। हिन्दीमे प्रसिद्धि हेबाक आ हुनक कद बड़ बेसी रहबाक कारणे ँ हुनक सम्मान ओहि समयक प्रत्येक मैथिली साहित्याकर लोकनि करै छला। कतौ ने कतौ ईहो एक गोट कारण छल जे हुनका ई पुरस्कार देल गेलनि। नञि तँ जे आदमी आई धरि मैथिलीक तुलनामे हिन्दीक बेसी सेवा केने होथु, हुनका साहित्य अकादमीक पुरस्कार आसानीसँ मैथिलीमे भेट जाइत छनि। अहांक कड़ूगर सच भने वामपन्थी सभकेँ नीक लागल होनि, मुदा सच की अछि वा झुठ की ई सभ जानैत छथि। जनता आब एतेक बुरबक नञि छथि। अंहाक पदवी भेट गेल आ अंहाक किछु केलौ से बड़ नीक आन क्यौ करय तँ कष्ट भऽ रहल अछि। से कियक???? कनी एहि बातक जवाब देबाक कष्ठ करी। राजनीति ओहो दिन भेल छल आ राजनीति आइयो भऽ रहल अछि। अहांक लेख पढ़बाक बाद एक गोट बात मोन पड़ि रहल अछि ‘कृष्ठ करथि तँ रासलीला, हम करी तँ कैरेक्टर ढ़ीला’। वाह यौ सुकान्त जी बढ़िया पत्रकारिता कऽ रहल छी। आब तँ एहि तरहक नाटक बन्न करू। रोशन कुमार ‘मैथिल’


  आदरनीय सुकान्त सोमजी...

 मिथिला दर्शनक अंकमे ‘लुटि सकय सो लुटि’ वला लेख पढ़लौ। पढ़बाक क्रममे किछु बात सोचक लेल विवश भऽ गेल रही जे आइ अपनेक समक्ष राखि रहल छी। अपने एहि लेखमे साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त करबा लेल भऽ रहल राजनीतिपर लिखलौ अछि, मुदा एहि बातक उल्लेख नञि केलौ जे हिन्दीक वरिष्ठ साहित्यकार हेबाक बाद नार्गाजुनकेँ मैथिलीमे साहित्य अकादमी पुरस्कार कोनो भेटल? मैथिलीके ँ  बारि देनिहार साहित्यकार फेरो मैथिलीमे कियक लिखलनि। की मात्र पुरस्कार प्राप्त करबा लेल। हमरा तँ जेना बुझाइत अछि जे पोथी लिखबाक पहिनेसँ ओ आश्वसथ छला जे हुनका पुरस्कार अवश्य भेटतनि। जे भेटबो केलनि। की ओहि समय ई पुरस्कार मात्र किछु खास लोकक कारणे ँ हुनका नञि भेटल छलनि???  एहिमे कोनो सन्देहक बात नञि जे यात्रीजी मैथिली भाषाक विकास लेल बड़ किछु केलनि, मुदा प्रश्न उठैत अछि जे नागार्जुन मैथिली लेल की केलनि। जखन हुनका हिन्दी सनक अथाह समुद्र वला साहित्य जगतमे थाह नञि भेटलनि तँ आबि गेला मैथिली साहित्यमे डूबकुनिञा काटऽ लेल। हिन्दीमे प्रसिद्धि हेबाक आ हुनक कद बड़ बेसी रहबाक कारणे ँ हुनक सम्मान ओहि समयक प्रत्येक मैथिली साहित्याकर लोकनि करै छला। कतौ ने कतौ ईहो एक गोट कारण छल जे हुनका ई पुरस्कार देल गेलनि। नञि तँ जे आदमी आई धरि मैथिलीक तुलनामे हिन्दीक बेसी सेवा केने होथु, हुनका साहित्य अकादमीक पुरस्कार आसानीसँ मैथिलीमे भेट जाइत छनि।
अहांक कड़ूगर सच भने वामपन्थी सभकेँ नीक लागल होनि, मुदा सच की अछि वा झुठ की ई सभ जानैत छथि। जनता आब एतेक बुरबक नञि छथि। अंहाक पदवी भेट गेल आ अंहाक किछु केलौ से बड़ नीक आन क्यौ करय तँ कष्ट भऽ रहल अछि। से कियक???? कनी एहि बातक जवाब देबाक कष्ठ करी। राजनीति ओहो दिन भेल छल आ राजनीति आइयो भऽ रहल अछि। अहांक लेख पढ़बाक बाद एक गोट बात मोन पड़ि रहल अछि ‘कृष्ठ करथि तँ रासलीला, हम करी तँ कैरेक्टर ढ़ीला’। वाह यौ सुकान्त जी बढ़िया पत्रकारिता कऽ रहल छी। आब तँ एहि तरहक नाटक बन्न करू।

रोशन कुमार ‘मैथिल’

रविवार, 19 मई 2013

जँ अपने लोकनि आइ जानकी नवमी मनेलौ अछि वा अहाँक लग पासमे मनाओल गेल अछि तँ कृप्या एहि सन्दर्भमे जानकारी अवश्य दी जे कोन-कोन ठामा आइ जानकारी मनाओल गेल। फोटो उपल्बध करा सकी तँ अपने लोकनिक आभारी रहब। नीचा देल मेल पतापर जानकारी पठाबी वा 08292560971 पर फोन करी। mithilaawazdarbhanga@gmail.com pathakmaithil@gmail.co


  जँ अपने लोकनि आइ जानकी नवमी मनेलौ अछि वा अहाँक लग पासमे मनाओल गेल अछि तँ कृप्या एहि सन्दर्भमे जानकारी अवश्य दी जे कोन-कोन ठामा आइ जानकारी मनाओल गेल। फोटो उपल्बध करा सकी तँ अपने लोकनिक आभारी रहब। नीचा देल मेल पतापर जानकारी पठाबी वा 08292560971 पर फोन करी।

mithilaawazdarbhanga@gmail.com
pathakmaithil@gmail.co

गुरुवार, 16 मई 2013

मिथिला दर्शनक नव अंकमे साहित्य अकादमीसँ पुरस्कार प्राप्त लेखक विभूति आनन्द जी केर कथा ‘निधी’पढ़ि बड़ निराश भेलौ। कथामे बेसीसँ बेसी शब्द हिन्दी आ अंग्रेजीक प्रयोग कयल गेल अछि। हम आन भाषाक शब्दक विरोधी नञि छी, मुदा जे शब्द मैथिली भाषामे उपल्बध अछि तकर प्रयोग करबामे कोन लाज? एना बुझना जाइत अछि जेना लेखक लग मैथिली शब्दक कमी होइन। दोसर दिस ‘मिथिला दर्शन’ केर सम्पादक मण्डलीपर सेहो प्रश्न चिह्न उठैत अछि। की लेखक जेना अपन रचना लिखि कऽ पठेता तेना छापी देल जेबाक चाही??? की ओहिमे सम्पादकक कोनो दायित्व नञि होइत छनि???


मिथिला दर्शनक नव अंकमे साहित्य अकादमीसँ पुरस्कार प्राप्त लेखक विभूति आनन्द जी केर कथा ‘निधी’पढ़ि बड़ निराश भेलौ। कथामे बेसीसँ बेसी शब्द हिन्दी आ अंग्रेजीक प्रयोग कयल गेल अछि। हम आन भाषाक शब्दक विरोधी नञि छी, मुदा जे शब्द मैथिली भाषामे उपल्बध अछि तकर प्रयोग करबामे कोन लाज? एना बुझना जाइत अछि जेना लेखक लग मैथिली शब्दक कमी होइन। दोसर दिस ‘मिथिला दर्शन’ केर सम्पादक मण्डलीपर सेहो प्रश्न चिह्न उठैत अछि। की लेखक जेना अपन रचना लिखि कऽ पठेता तेना छापी देल जेबाक चाही??? की ओहिमे सम्पादकक कोनो दायित्व नञि होइत छनि???

रविवार, 12 मई 2013

(दिनांक - 12.05.13 के ँ प्रभात खबरक प्रथम पृष्ठपर प्रकाशित प्रधान सम्पादक हरिवंशक एक गोट लेख 'लज्जाविहीन, भयमुक्त आ अनैतिक भारतीय राजनीति' केर अंश) अनुवादक रोशन कुमार मैथिल


  पाँच सालमे बंसलक पत्नी आ बेटाक कारोबार शून्यसँ 152 करोड़ टाका धरि पहुँचल। मंत्रीक पत्नी मधु आ बेटा अमित आ मनीष 2005 मे एक क म्पनी आरम्भ केलनि। बरख 2007 मे एकर टर्नओवर शून्य छल। एकरा बाद फेरो बंसल के न्द्रमे मंत्री बनला। ओ संसदीय कार्य मंत्री रहला। फेरो जल संसाधन मंत्री, फेरो वित्त राज्य मंत्री आ फेरो रेल मंत्री। एहि क्रममे हुनक परिवारक टर्नओभर शून्यसँ 152 करोड़ भऽ गेल। बरख 2008-09 मे हुनक बहिनक बेटो सिंगला (गिरफ्तार) चण्डीगढ़क एक गोट बीमार कम्पनी मार्डन बेकरीक अधिग्रहण केलनि। एकरापर बड़ पैघ कर्ज छल। तखन पवन बंसल के न्द्रमे वित्त राज्य मंत्री छला। कहल जाइत अछि जे, बंसलक प्रभावक मदति पाबि सिंगला बेकरी कम्पनीक प्लाटक उपयोग बदली करबा देलनि। अब ओहि ठाम कॉर्मशियल काम्प्लेक्स बनि रहल अछि। बंसल परिवारक कम्पनीकेँ केनरा बैंकसँ  साठि करोड़ टाकाक लोन सेहो भेटल। पवन बंसल अपन परिवारक कम्पनीक आडिटर आ अपन बेटाक बिजनेस पार्टनर सुनील गुप्ताकेँ बरख 2007 मे केनरा बैंकक डायरेक्टर बनवा देलनि। तखन बंसल वित्त राज्य मंत्री छला।

अब एहि पूर्ण घटनाक्रमकेँ एना बुझू जे, एक गोट मंत्रीक उदय होइत अछि। ओकरा संग ओकर परिवारक लोग जुड़ैत अछि। सर सम्बन्धी जुड़ैत अछि। सरकारी पद सभपर सेहो। तखन ओ वित्त मंत्रालयमे छला। ओहि समय ओ अपन लोक वेदकेँ बैंकमे डायरेक्टर बनवेलनि। अपन पत्नी-बेटक कम्पनीकेँ लोन सेहो देयोलनि। माने जाहि सरकारी पदपर छी ओतऽ पहिने परिवारक, फेरो सगा-सम्बन्धी लोकनिक  काज होइ। एहि तरहे एक मंत्री जेकर महत्वपूर्ण पदपर काज करै छथि। ओतऽ हुनकर लक्ष्य बनि जाइत छनि अपन परिवारक कम्पनीकेँ समृद्ध बनाएब। ओकर मंत्रालयकेँ ओकर सर कुटुम्ब चलबै छथि। पाछासँ। दिल्लीमे ई सभ जानैत अछि, मुदा ई बात जगजगार भऽ जाइत अछि। जखन मामिला सीबीआइ केर पकड़िमे आबैत अछि। कहल जा रहल अछि जे महेश कुमार रेलवे बोर्डक सदस्य भऽ जेबापर दस करोड़ देबऽ वला छला। संगे प्रश्चिम रेलक महाप्रबन्धक बनेबाक दाम फराकसँ छल। एहि पदक देख रेखमे रेलवेमे विद्युतीकरणक बड़ पैघ काज भऽ रहल अछि। एहि लेल ओहि ठाम प्रयाप्त राशि अछि। एहि कारणेँ हुनका दू दू गोट पदपर राखल गेलनि। माने बंसल परिवार भारतीय रेलक विकास, आधुनिकीकरणक दामपर अपन जेब भरि रहल छला। ई सभ काज खुले आम भऽ रहल छल। फोनपर सरेआम डील भऽ रहल छल, मुदा भारत सरकार सुतल छल। चण्डीगढ़क लोक सभक कहब छनि जे रेल मंत्री बंसल चण्डीगढ.-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेसक नियमित यात्री छला। पहिने ओ स्वयं चण्डीगढ़क लोक लग किछु चन्दा लेल जाइत छला। ओना बरख  2006 मे ओ मंत्री बनला। फेरो हुनक परिवारक सदस्य आ भागिन विजय सिंगला, बिक्रम बंसल आ हुनक पुत्र मनीष आ अमित मंत्री बंसल आ उद्यमी लोकनिक बीच भेट करेबाक माध्यम बनला। एहि तरहे बंसल आ सिंगला परिवारक स्टील, दवइ रियल स्टेटक व्यपार सेहो नीक चलि गेल। माने बंसल मंत्री बनला आ हुनक सगा सम्बन्धी परिवार व्यापारी वा उद्योगपति बनला। राजपाट आ पाइ केर ई सम्बन्ध वर्तमान राजनीतिक पहचान अछि।

(दिनांक - 12.05.13 के ँ प्रभात खबरक प्रथम पृष्ठपर प्रकाशित प्रधान सम्पादक हरिवंशक एक गोट लेख 'लज्जाविहीन, भयमुक्त आ अनैतिक भारतीय राजनीति' केर अंश)

अनुवादक
रोशन कुमार मैथिल
08292560971

बुधवार, 8 मई 2013

वोटक लेल! ( प्रभात खबरमे प्रकाशित प्रधान सम्पादक हरिवंशक 'समय से संवाद' केर अंश) अनुवादक रोशन कुमार मैथिल )


  वोटक लेल!
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एहि देशमे स्वस्थ बहस बन्न अछि। असल सवाल उठेबा लेल क्यो जोखिम लेबऽ लेल आ सच कहबा लेल तैयार नञि छथि। उत्तर प्रदेशमे समाजवादी पार्टी आतंकवादी हमलाक कतेको आरोपीक विरुद्ध अंकित मामिलाकेँ उठा लेलक अछि। निर्दोष लोक चाहे कोनो जाति, धर्मक होथु, हुनका लोकनिक विरुद्ध एहन अभियान चलए, तँ व्यवस्थाक मानवीय रूप देखाइ दैत अछि। ओना भोट बैंक लेल , जिनका सभपर गम्भीर आरोप अछि, हुनका लोकनिकेँ पूर्ण तरहे जाँचक बिनु कोना छोड़ल जा सकैत अछि? देशमे लाखो संख्यामे  अण्डरट्रायल अपराथी अछि, हुनका लोकनि लेल कोनो तरहक आवजा नञि। समाजवादी सरकार हूजी (हरकत-उल-जिहाद अल-इसलामी) केर उग्रवादी तारी कासमीक विरुद्ध आतंकवादी हमलाक कतेको मामिला आपस लऽ लेलक अछि।
22.05.2007 के ँ गोरखपुरमे सीरियल विस्फोट भेल। आधा दर्जनसँ बेसी लोक गम्भीर रूपसँ घायल भेला। फेर लखनऊ, फैजाबाद आ बनारसक अदालति परिसरमे सीरियल विस्फोट भेल। एहि सभ मामिलामे कासमी आरोपी अछि। जँ मानि लेल जाए जे कासमी निर्दोष अछि, मुदा गोरखपुर, लखनऊ, फैजाबाद आ बनारसमे जे सीरियल विस्फोट भेल, ओहि लेल क्यो ने क्यो दोषी तँ अछि। ओहिमे जे घायल भेला वा मारल गेल एवँ जे घाटा भेल, ओहि लेल क्यो ने क्यो अपराधी तँ अछि? फेर सरकार कासमीकेँ रिहा केलक, तँ एहि घटनाक आरोपीकेँ किएक नञि पकड़लक? ई केकर कत्वर्य अछि? आइ अमेरिकामे कोनो आतंकवादी घटना होइत अछि, अमेरिका कहैत अछि जे हम बेसी समयमे नञि मात्र घण्टा भरिमे दोषीक पहचान कऽ लै छी, अपना एहि ठाम कोनो पैघ घटना घटलाक बादो कोनो दोषी व्यक्ति नञि पकड़ल जाइत अछि। एकरा अतिरिक्त हूजी केर लगभग आधा दर्जनसँ बेसी लोकक विरुद्ध देशद्रोह वा राजद्रोह आ विश्वासघातक काण्ड अंकित छल। ओहो सभ आपस लेल गेल अछि। ई घोषणा उत्तर प्रदेशक गृह सचिव केलनि अछि। जखनकि कानून-व्यवस्था आ न्यायकेँ हमरा लोकनि जाति, धर्म आ समुदायक नजरिमे देखता, भोटक तराजूपर जोखता, तँ एहिसँ सभक घाटा होएत। देश एक नञि रहत। कानूनक धर्म अछि, अपराध देखब, भने ओ केकरो होइ। जँ क्यो बेकसूरअछि तँ , तँ राजधर्ममे ओकर बचाव अवश्य कएल जेबाक चाही, मुदा जँ घटना भेल अछि तँ घटनाक आरोपी आ दोषी क्यो तँ हेता। ओकर पकड़िÞ शीघ्र सजाय दियेबाक राजधर्म केकर अछि?

(दिनांक 28.05.13 के ँ प्रभात खबरमे प्रकाशित प्रधान सम्पादक हरिवंशक 'समय से संवाद' केर अंश)

अनुवादक
रोशन कुमार मैथिल

शनिवार, 4 मई 2013

की मिथिला विरोधी अछि हिन्दीक दैनिक ‘प्रभात खबर’!


की मिथिला विरोधी अछि हिन्दीक दैनिक ‘प्रभात खबर’!


आदरनीय प्रधान सम्पादक
हरिवंश
प्रभात खबर

महोदय सविनय निवेदन अछि जे अपनेक दैनिक अखबार प्रभात खबरक माध्यमे मिथिला आ मिथिला वासीक अपमान कएल जा रहल अछि। एहिसँ मिथिला वासी आहत छथि आ संगे आक्रोशित छथि। अपनेकेँ जना दी जे दिनांक 5-4-2013 दरभंगा संस्करणक प्रथम पृष्ठपर एक गोट समाचार छपल अछि ‘यूपीएससी में मैथिली से सात परीक्षार्थी सफल’ एहि समाचारक सब हेडमे ‘मिथिलांचल के सत्येन्द्र को 71 वा स्थान’लिखल गेल अछि। एहि समाचारक लेखक लनामिवि केर कर्मी आ अपनेक पत्रकार कृष्ण कुमार छथि। एहि खबरिक नीचामे एक आरो समाचार समस्तीपुर डेड लाइनसँ लिखल गेल अछि। ओकर हेडिंग अछि ‘समस्तीपुर के अजीत को मिला 26वा स्थान’। महाशय आब प्रश्न उठैत अछि जे की समस्तीपुर मिथिलाक आंग नञि अछि? की प्रभात खबर मात्र दरभंगा आ मधुबनी जिलाके ँ मिथिला मानैत अछि???

श्रीमान अपने पत्रकारिता जगतमे बड़ बेसी विद्वान छी तहियो किछु इतिहासपर नजरि देल जाउ-
मिथिला रामायण कालसँ विश्व विख्यात अछि। आधुनिक इतिहासमे सर जान अब्राहम ग्रियर्सन ओहि ओहि जिला वा क्षेत्रकेँ मिथिला मानलनि जतऽ जतऽ मैथिली भाषा बाजल जाइत अछि। एहिमे प. चम्पारण, पू.चम्पारण, शिवहर, सितामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, खगरयिा, बेगुसराय, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, पुर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुइ, बांका, भागलपुर, गोड्डा, बांका, देवघर, साहिबगञ्ज, पाकुर, दुमका आ जमातार जिला सम्मिलित अछि।

महाशय ओना एखन धरि भारतीय संविधानमे मिथिला नामक कोनो राज्यक उल्लेख नञि अछि, मुदा विभिन्न मैथिली संस्था द्वारा पृथक मिथिला राज्यक माङ कएल जा रहल अछि।

आब प्रश्न उठैत अछि जे की प्रभात खबर मिथिला विरोधी अछि।
की प्रभात खबरि किछु बरख पहिने दरभंगा जिलासँ अलग भेल समस्तीपुरकेँ मिथिलाक अंग नञि मानैत अछि।

ओना अपनेकेँ जना दी जे एहिसँ पूर्व अपनेक प्रभात खबरि मिथिा मैथिलीसँ जुड़ल खबरिकेँ प्रमुखतासँ छापैत रहल अछि। एहि कारणे ँ मिथिला वासी बड़ चावसँ ई अखबार पढ़ै छथि।
अजुका खबरि अखबारमे देखि बड़ बेसी दुखी छी प्रभात खबर सनक हिन्दी अखबार एहि तरहक घटिया मानिष्कताक परिचय दऽ रहल अछि।

अपनेसँ विनम्र आग्रह जे एहि मामिलामे शीघ्र अति शीघ्र कारवाई करी।

अपनेक
रोशन कुमार मैथिल
08292560971


MITHILA VASI SA AAGRAH JEY APAN-APAN VIRODH MAIL AA MSG SA AVASYA ANKIT KARI ...muzaffarpur@prabhatkhabar.in.... ph- 0621-3081864... 3081870 (fax)
की मिथिला विरोधी अछि हिन्दीक दैनिक ‘प्रभात खबर’!


आदरनीय प्रधान सम्पादक 
हरिवंश 
प्रभात खबर

महोदय सविनय निवेदन अछि जे अपनेक दैनिक अखबार प्रभात खबरक माध्यमे मिथिला आ मिथिला वासीक अपमान कएल जा रहल अछि। एहिसँ मिथिला वासी आहत छथि आ संगे आक्रोशित छथि। अपनेकेँ जना दी जे दिनांक 5-4-2013 दरभंगा संस्करणक प्रथम पृष्ठपर एक गोट समाचार छपल अछि ‘यूपीएससी में मैथिली से सात परीक्षार्थी सफल’ एहि समाचारक सब हेडमे ‘मिथिलांचल के सत्येन्द्र को 71 वा स्थान’लिखल गेल अछि। एहि समाचारक लेखक लनामिवि केर कर्मी आ अपनेक पत्रकार कृष्ण कुमार छथि। एहि खबरिक नीचामे एक आरो समाचार समस्तीपुर डेड लाइनसँ लिखल गेल अछि। ओकर हेडिंग अछि ‘समस्तीपुर के अजीत को मिला 26वा स्थान’। महाशय आब प्रश्न उठैत अछि जे की समस्तीपुर मिथिलाक आंग नञि अछि? की प्रभात खबर मात्र दरभंगा आ मधुबनी जिलाके ँ मिथिला मानैत अछि???

श्रीमान अपने पत्रकारिता जगतमे बड़ बेसी विद्वान छी तहियो किछु इतिहासपर नजरि देल जाउ-
मिथिला रामायण कालसँ विश्व विख्यात अछि। आधुनिक इतिहासमे सर जान अब्राहम ग्रियर्सन ओहि ओहि जिला वा क्षेत्रकेँ मिथिला मानलनि जतऽ जतऽ मैथिली भाषा बाजल जाइत अछि। एहिमे प. चम्पारण, पू.चम्पारण, शिवहर, सितामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, खगरयिा, बेगुसराय, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, पुर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुइ, बांका, भागलपुर, गोड्डा, बांका, देवघर, साहिबगञ्ज, पाकुर, दुमका आ जमातार जिला सम्मिलित अछि। 

महाशय ओना एखन धरि भारतीय संविधानमे मिथिला नामक कोनो राज्यक उल्लेख नञि अछि, मुदा विभिन्न मैथिली संस्था द्वारा पृथक मिथिला राज्यक माङ कएल जा रहल अछि। 

आब प्रश्न उठैत अछि जे की प्रभात खबर मिथिला विरोधी अछि। 
की प्रभात खबरि किछु बरख पहिने दरभंगा जिलासँ अलग भेल समस्तीपुरकेँ मिथिलाक अंग नञि मानैत अछि। 

ओना अपनेकेँ जना दी जे एहिसँ पूर्व अपनेक प्रभात खबरि मिथिा मैथिलीसँ जुड़ल खबरिकेँ प्रमुखतासँ छापैत रहल अछि। एहि कारणे ँ मिथिला वासी बड़ चावसँ ई अखबार पढ़ै छथि। 
अजुका खबरि अखबारमे देखि बड़ बेसी दुखी छी प्रभात खबर सनक हिन्दी अखबार एहि तरहक घटिया मानिष्कताक परिचय दऽ रहल अछि। 

अपनेसँ विनम्र आग्रह जे एहि मामिलामे शीघ्र अति शीघ्र कारवाई करी। 

अपनेक 
रोशन कुमार मैथिल
08292560971


MITHILA VASI SA AAGRAH JEY APAN-APAN VIRODH MAIL AA MSG SA AVASYA ANKIT KARI ...muzaffarpur@prabhatkhabar.in.... ph- 0621-3081864... 3081870 (fax)

मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

आइ काल्हि फेसबुकपर किछु मैथिल लोक द्वारा हिन्दीमे बहुत रास लेख रचना लिखल जा रहल अछि। एहिमे कोनो सन्देहक गप नञि जे हिन्दी देशक राष्ट्रभाषा अछि। ओना ईहो शोलह आना सच बात अछि जे आइ धरि जे जे राज्य वा प्रान्त हिन्दी भाषाकेँ अपनेलक ओकर सभ्यता आ संस्कृति विलुप्तक बाटपर ठाढ़ अछि। दोसर जखन नार्गाजुन सनक वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकारकेँ हिन्दी किछु नञि देलक तखन हमर अंहाक बाते की। ओना एहि तरहक पोस्ट जखन जखन देखै छी तँ एक गोट फ करा अवश्य मोन पड़ि जाइत अछि जे ‘कुकुड़ मारे तिरपित’ ।


  आइ काल्हि फेसबुकपर किछु मैथिल लोक द्वारा हिन्दीमे बहुत रास लेख रचना लिखल जा रहल अछि। एहिमे कोनो सन्देहक गप नञि जे हिन्दी देशक राष्ट्रभाषा अछि। ओना ईहो शोलह आना सच बात अछि जे आइ धरि जे जे राज्य वा प्रान्त हिन्दी भाषाकेँ अपनेलक ओकर सभ्यता आ संस्कृति विलुप्तक बाटपर ठाढ़ अछि। दोसर जखन नार्गाजुन सनक वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकारकेँ हिन्दी किछु नञि देलक तखन हमर अंहाक बाते की।

ओना एहि तरहक पोस्ट जखन जखन देखै छी तँ एक गोट फ करा अवश्य मोन पड़ि जाइत अछि जे ‘कुकुड़ मारे तिरपित’ ।

सोमवार, 15 अप्रैल 2013

समस्तीपुर रेल मण्डलक डीआरएम अरूण मलिक दरभंगा रेलवी टीशनक वैदेही आरक्षण केन्द्रक नाम बदलबाक निर्देश देलनि अछि। हुनकर कहब छनि जे देशक आन आरक्षण केन्द्र जका एकरो नाम मात्र आरक्षण केन्द्र हेबाक चाही। अपने लोकनिसँ विनम्र आग्रह जे एक जुट भऽ एहि आदेशक विरोध करी। हुनका नम्बरपर फोन अथवा एसएमएस कऽ एहि तरहक निर्देशकेँ आपस लेबाक आग्रह करी। 9771428000, 06274- 222218, Fax-222217

समस्तीपुर रेल मण्डलक डीआरएम अरूण मलिक दरभंगा रेलवी टीशनक वैदेही आरक्षण केन्द्रक नाम बदलबाक निर्देश देलनि अछि। हुनकर कहब छनि जे देशक आन आरक्षण केन्द्र जका एकरो नाम मात्र आरक्षण केन्द्र हेबाक चाही। अपने लोकनिसँ विनम्र आग्रह जे एक जुट भऽ एहि आदेशक विरोध करी। हुनका नम्बरपर फोन अथवा एसएमएस कऽ एहि तरहक निर्देशकेँ आपस लेबाक आग्रह करी।

9771428000, 06274- 222218, Fax-222217

शनिवार, 6 अप्रैल 2013

बुधवार, 3 अप्रैल 2013

मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

हमरा लोकनि आभारी छी माननीय नीतीश कु मारक जे ओ मिथिला वासीक मान सम्मानकेँ ध्यानमे राखि जानकी नवमी दिन अवकाशघोषित केलनि अछि। जखन राज्य सरकार एहि तरहक डेग उठेलक अछि तँ की केन्द्र सरकारकेँ सेहो एहि दिस ध्यान नञि देबाक चाही? आउ एहि आन्दोलनमे सहयोग करी। अगिला 19 मईकेँ घरे घरमे जानकीक पूजा अचर्ना करबा लेल लोक सभकेँ प्रेड़ित करी। photo ahi link par uplabdh achhi http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/12/maa-jaanki.html मिथिलाक गामघर: MAA JAANKI mithlakgaamghar.blogspot.in


हमरा लोकनि आभारी छी माननीय नीतीश कु मारक जे ओ मिथिला वासीक मान सम्मानकेँ ध्यानमे राखि जानकी नवमी दिन अवकाशघोषित केलनि अछि। जखन राज्य सरकार एहि तरहक डेग उठेलक अछि तँ की केन्द्र सरकारकेँ सेहो एहि दिस ध्यान नञि देबाक चाही? आउ एहि आन्दोलनमे सहयोग करी। अगिला 19 मईकेँ घरे घरमे जानकीक पूजा अचर्ना करबा लेल लोक सभकेँ प्रेड़ित करी।


photo ahi link par uplabdh achhi
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/12/maa-jaanki.html

मिथिलाक गामघर: MAA JAANKI
mithlakgaamghar.blogspot.in

सोमवार, 1 अप्रैल 2013

जानकी नवमी एहि बरख 19 मइके ँ अछि। एहिसँ पूर्व मा जानकीक कैलेण्डर छपा मिथिलाक आन आन क्षेत्रमे निशुल्क बाटबाक योजना अछि। अपने लोकनिसँ आग्रह जे एहि योजनामे मदति करी। जे क्यौ मदति करता ओ अपन आ अपन संस्थाक नाम आ परचार ओहि कैलेण्डरपर छापि सकै छथि। प्रति कैलैण्डर बनेबामे 3-4 टाकाक खर्च आओत। एहि लेल अपने सभ गोटेसँ विनम्र आग्रह जे माँ मैथिलीकेँ घर घर धरि पहुँचेबामे मदति करी। आखिर की विडम्बना अछि जे राम नवमी आ आन पूजा बड़ धुम धामक संग मनाओल जाइत अछि मुदा जानकी नवमी दिस मिथिलाक गाम घरमे बेसी लोक जानबो नञि करै छथि। जानकारी अनुसार पछिला बरख 50 ठाम माटिक मुरूत बना जानकी मा केर पुजा कएल गेल छल। आउ फेरो प्रयास करी जे बेसीसँ बेसी ठाम ई पुजा मनाअ‍ोल जाए। photo ahi link par uplabdh achhi http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/12/maa-jaanki.html

जानकी नवमी एहि बरख 19 मइके ँ अछि। एहिसँ पूर्व मा जानकीक कैलेण्डर छपा मिथिलाक आन आन क्षेत्रमे निशुल्क बाटबाक योजना अछि। अपने लोकनिसँ आग्रह जे एहि योजनामे मदति करी। जे क्यौ मदति करता ओ अपन आ अपन संस्थाक नाम आ परचार ओहि कैलेण्डरपर छापि सकै छथि। प्रति कैलैण्डर बनेबामे 3-4 टाकाक खर्च आओत। एहि लेल अपने सभ गोटेसँ विनम्र आग्रह जे माँ मैथिलीकेँ घर घर धरि पहुँचेबामे मदति करी। आखिर की विडम्बना अछि जे राम नवमी आ आन पूजा बड़ धुम धामक संग मनाओल जाइत अछि मुदा जानकी नवमी दिस मिथिलाक गाम घरमे बेसी लोक जानबो नञि करै छथि। जानकारी अनुसार पछिला बरख 50 ठाम माटिक मुरूत बना जानकी मा केर पुजा कएल गेल छल। आउ फेरो प्रयास करी जे बेसीसँ बेसी ठाम ई पुजा मनाअ‍ोल जाए।



photo ahi link par uplabdh achhi http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/12/maa-jaanki.html

मंगलवार, 12 मार्च 2013

मिथिलाक गामघर: स्वागतक योग्य अछि यूपीएससी केर नव नियम

मिथिलाक गामघर: स्वागतक योग्य अछि यूपीएससी केर नव नियम:  स्वागतक योग्य अछि यूपीएससी केर नव नियम  यूपीएससी केर नियममे कएल गेल परिवर्तनक हम सर्मथन करै छी। कारण जँ हमरा लोकनि अपन-अपन मातृभाषाक उन...

रविवार, 10 मार्च 2013

मिथिलाक गामघर: 79म सगर राति दीप जरय भेल सम्पन्न

मिथिलाक गामघर: 79म सगर राति दीप जरय भेल सम्पन्न:   79म सगर राति दीप जरय भेल सम्पन्न दरभंगा: दरभंगा जिलाक घनश्यापुर गाममे रविकेँ 79 सगर राति दीप जरय कथा गोष्ठिक आयोजन भेल। कमलेश झाक संयो...

बुधवार, 6 मार्च 2013

मिथिलाक गामघर: NAPUNSAK GAZENDRA THAKUR KER KUKRITY DEKHAL JAAU ....

मिथिलाक गामघर: NAPUNSAK GAZENDRA THAKUR KER KUKRITY DEKHAL JAAU ....: Gajendra Thakur साहित्य अकादेमी द्वारा युवा पुरस्कारक भेल घोषणा। हिन्दीमे लिखैबला द्वारा मैथिलीमे मात्र पुरस्कार लेल लिखल जेबाक प्रवृत्ति, ...

मिथिलाक गामघर: DEKHU ASHISH ANCHINHAARAK PAAGALPAN . HINDI VIRODH...

मिथिलाक गामघर: DEKHU ASHISH ANCHINHAARAK PAAGALPAN . HINDI VIRODH...: Ashish Anchinhar साल 2012 के लिए मैथिलीमे युवा पुरस्कार पाने वाले अरूणाभ सौरभ को बधाइ... मगर जब जगदीश प्रसाद मंडल जी को टैगोर सम्मान मिला थ...

मंगलवार, 5 मार्च 2013

दहेज मुक्त मिथिलाक सफलतम २ वर्ष पूरा



दहेज मुक्त मिथिलाक सफलतम २ वर्ष पूरा


दहेज मुक्त मिथिला: तेसर वर्षमें प्रवेश(विशेष प्रतिवेदन)
  
दहेज मुक्त मिथिला आइ ३ मार्च २०१३ तेसर वर्षमें प्रवेश पौलक - विगत दू वर्षमें उपलब्धि सामान्य सऽ सेहो निचां रहल जेना हमर अनुभूति कहि रहल अछि। असफलता-सफलताक द्वंद्वमें फँसबाक लेल नहि, लेकिन आत्मनिरिक्छण लेल ई जरुरी जे दुनू विन्दुपर समीक्छा जरुर कैल जाय।

सफलता आ असफलताक सूची:सफलता १. सौराठ सभागाछी पुन: उत्थान हो ताहि लेल सार्थक सहकार्य। २०११ व २०१२ दुनू वर्ष।
  
असफलता १. बहुतो युवा द्वारा गछलाके बादो सभामें नहि आबि चोरा-नुका के विवाह करब घोर असफलता आ शायद आरोपके सिद्ध करयवाला जे कहयकाल मात्र दहेजके परित्याग लेल शपथ लेल गेल लेकिन विवाह घडी चोरा-नुका कार्य करब याने अवश्य किछु संदेहास्पद व्यवहार तरफ इशारा करैत अछि।
  
सफलता २. दहेज मुक्त मिथिला लेल पूर्ण प्रजातांत्रिक चुनाव अनलाइन सभा द्वारा करैत एक कार्यकारिणीक गठन।
  
असफलता २. मैथिलक आम स्वभाव जे आपसमें मेलके कमी, व्यक्तिवादी बनैत मुद्दाके दरकिनार करैत केवल आपसमें घमर्थनबाजी करब तेकर खुलेआम प्रदर्शन आ विभिन्न बहाने पलायनवादी मानसिकताक प्रदर्शन। एकजूटतामें कमी, अभियानक गतिमें शिथिलता।
  
सफलता ३. दहेज मुक्त मिथिला लेल वेबसाइटके निर्माण, फीचर व फेसिलिटी पर सुन्दर समझदारीक संग कार्य संचालन सँ एक कीर्तिमान स्थापित कैल गेल।
  
असफलता ३. उपरोक्त वेबसाइट के समय-समयपर स्थिति-परिस्थिति अनुरूप बदलैत आम जन लेल उपयोगी बनेबाक छल, लेकिन वेब एडमिनिस्ट्रेटर राजीव झा'क व्यक्तिगत व्यस्तता वा अन्य कारणे आवश्यक आश्वासनक बावजूद कोनो कार्य पूरा नहि होयब बहुत पैघ असफलताक द्योतक, एकर समाधान लेल समुचित सहकार्य के पूर्ववत् राखब जरुरी या नहि तऽ नव वेबसाइट निर्माण लेल कदम उठेबाक आवश्यकता।
  
सफलता ४. २०११ अगस्तमें विराटनगरमें संकल्प दिवस भव्यताक संग मनायल गेल - सैकडों जनसमूह दहेजक कूप्रथा विरुद्ध शपथ लेलाह। नेपालक विभिन्न एफ-एम पर अभियानक जोर-शोर सँ आवाज भेटब - हिन्दुस्तान, प्रभात खबर, जागरण लगायत नेपालक विभिन्न पत्र-पत्रिकामें अभियान प्रमुखता सँ जगह पेलक जेकर सार्थक संवाद सँ लाखों जनसमूह लाभान्वित भेल। 
  
असफलता ४. २०११ में दिल्लीमें राष्ट्रीय अधिवेशन करबैत सगर मिथिलामें दहेज विरुद्ध शंखघोषके महा-योजना विफल। कारण अनेक - दिल्लीमें संगठनके कोनो मजबूत रूप नहि, जे संग वैह द्रोही... आ कतेको अन्य कारण। फलस्वरूप कार्यकारिणीमें आपसी कलह आ टूट-फूट, एक नव संस्थामें एहि तरहक व्यवहार सँ कमजोरी आयब स्वाभाविक।
  
सफलता ५. २०११ के दुर्गा पूजामें गाम-गाम भ्रमण आ अभियानक प्रचार।

असफलता ५. अभियानमें अपेक्छा सभ सदस्य सँ रहितो बहुतो गाम पधारल सदस्य द्वारा कोनो व्यक्तिगत प्रयास नहि कयला सँ हतोत्साहके प्रसार।

सफलता ६. २०११ दिसम्बरमें विराटनगरक अन्तर्राष्ट्रीय मंच सँ जनसमूह द्वारा दहेज मुक्त मिथिलाक अभियान प्रति समर्थन हेतु सहयोग के आह्वान, नेपालमें दमुमि निर्माण लेल करुणाजी द्वारा प्रतिबद्धता आ सफलतापूर्वक संस्थाक पंजियन कार्य पूरा। 

 असफलता ६. आन्तरिक राजनीति आ आरोप-प्रत्यारोप सँ पुन: आपसी विश्वासमें ह्रास, पंजियन उपरान्त सोचल कार्य में देरी। 
  
सफलता ७. सौराठ सभामें जानकी नवमी मनयबाक कार्य पूरा।
  
असफलता ७. जाहि तरहक विचार गोष्ठी करेबाक नियार छल ताहिमें घोर कमी - पुन: आपसी विश्वासमें कमीके कारण तथा अनावश्यक शंका तथा गैर‍-जरुरी राजनीतिक हस्तक्छेप सँ अभियानकेँ हतोत्साहित कैल गेल। खर्चक बावजूद आवश्यक उपयोगितामें अकाल।
  
सफलता ८. सौराठ सभा २०१२ में दू दिन सफलतापूर्वक सहभागिता।
  
असफलता ८. सौराठ सभा २०१२ में राजनीति हस्तक्छेपके कारण शिथिलता।
  
सफलता ९. दुर्गा पूजा २०१२ में पुन: गाम-भ्रमण आ सौराठ धरोहर के पुनरुत्थान संग माँगरूपी दहेजक प्रतिकार लेल प्रत्येक गाममें एक समिति निर्माण लेल अनुरोध। आगामी सौराठ सभा २०१३ तक एकर प्रतिवेदन प्रकाशन करबाक नियार।

असफलता ९. हरेक कार्य करबाक लेल समूहगत प्रयासके सार्थकता बुझबा में अधिकांश सदस्य असमर्थ आ बस केवल आपसी कट्टी-फट्टी खेल में महत्त्वपूर्ण कार्य करबा तरफ किनको ध्यान नहि होयब।

सफलता १०. राष्ट्रीय स्तर केर पंजियन लेल समस्त कागजी कार्य पूरा - दिल्लीमें आवेदन जमा। पंजियनक प्रक्रिया निरंतरतामें।

सफलता ११. सौराठ सभा २०१२ सँ दू दूल्हाक दहेज मुक्त विवाह करबाक कारणे सम्मान कार्यक्रम विराटनगर के अन्तर्राष्ट्रीय मंच सँ नेपालक उप-प्रधान तथा गृहमंत्री विजय कुमार गच्छदार द्वारा प्रशस्ति पत्र तथा उपहार प्रदान करबाक कार्यक्रम दहेज मुक्त मिथिला (नेपाल) - अध्यक्छा श्रीमती करुणा झा आ सहकार्य मैथिली सेवा समिति - विराटनगर।

असफलता ११. मधुबनीमें औझके दिन तेसर वर्षगांठ मनयबाक लेल अन्तर्विद्यालय स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता सँ युवा-पीढीक मानसिकता ऊपर आवश्यक प्रेरणा-स्थापना पर परीक्छा आ संयोजकक अनावश्यक भय तदोपरान्त पलायनवादी मानसिकताक कारणे विफलता।

आगामी योजना:

१. अप्रील २०१३ में मधुबनीमें ‌प्लस २ स्तर के परीक्छा देल छात्र-छात्रा द्वारा दहेज विषय पर वृहत् वाद-विवाद प्रतियोगिताक आयोजन।


२. कम से कम एको गाम में ५ गरीब छात्राक पढाई करेबाक लेल संस्था द्वारा गोद लेबाक प्रक्रिया।


३. नेपालमें प्रत्येक महीना विद्यालय-महाविद्यालय स्तरीय युवा-युवती द्वारा वैचारिक आदान-प्रदान तथा सी-एफएम राजविराज द्वारा रेडियो प्रसारण।


४. जानकी नवमी मनेबाक लेल दरभंगा जिलामें कार्यक्रम। सौराठ सभा तर्ज पर वैवाहिक योग्य युवा-युवतीक लेल सभा आयोजन पर समूह-बहस कार्यक्रम।


५. हरेक जिलामें किछु न किछु कार्यक्रम करबाक नियार। संयोजन लेल स्थानीय कार्यकर्ता व संरक्छक के खोज निरंतरतामें।


एवं बहुतो अन्य! 

महत्त्वपूर्ण नोट:१. दहेज मुक्त मिथिला कोनो एनजीओ नहि छी - ई स्वस्फूर्त एवं स्वयं-सहयोगी युवा ताहू में अपन पैर पर ठाड्ह ओहेन युवा शक्ति जिनकामें किछु सार्थक कार्य करबाक लेल त्याग करबाक संग समर्पित रहबाक प्रतिबद्धता सेहो छन्हि। ताहि हेतु शुरुएमें पहाड ढाहय के सपना देखब अतिश्योक्तिपूर्ण अपेक्छा करब होयत। स्पष्ट करी जे आइ धरि लगभग लाख में खर्च कैल गेल अछि जे मात्र जनमानसमें ई चर्चा शुरु करा सकल अछि जे दहेज मुक्त मिथिला नामक अभियान जमीनपर उतरल अछि, आ जखन नामक चर्चा शुरु भेल तऽ अवश्य एकर शीघ्र सार्थक प्रभाव सेहो देखय में आयत। लेकिन दिल्ली एखनहु एहि लेल दूर अछि जे आन्दोलनमें जुडनिहार लोकके संख्या लगभग नगण्य अछि। २०१३ ई. एहि सपना के पूरा करत तेकर पूर्ण तैयारी अछि। 

२. दहेज प्रथा आ सम्बन्धित अनेको बात लेल समाजमें बहुतो तरहक भ्रम-भ्रांति पसरल अछि, ताहि सभके समाधान लेल हमरा लोकनिक शोध कार्य निरन्तरतामें अछि। एहि सभ के अध्ययन लेल निम्न लिंक सभ पर जरुर विजीट करी।
  

  
  

(उदाहरणार्थ: दहेज ओ नहि जे लडकीवालाक माँग विरुद्ध माँग कैल गेल हो, बल्कि समस्त माँग जे लैंगिक विभेद उत्पन्न करैत हो आ आपसी विश्वास व स्वेच्छाचारिताक विरुद्ध हो। आदर्श विवाह केहेन हो। दहेज पर भारतीय संविधान कि कहैत अछि। समूहमें कोन लडका वा लडकी अपन विवाह दहेज मुक्त करय लेल चाहैत छथि। एहेन बहुत तरहक तथ्यांक व सैद्धान्तिक निरूपण करबाक निरन्तर प्रयास करबाक लेल हम सभ दृढ-प्रतिग्य छी।)

दहेज मुक्त मिथिला कार्यालय (भारत): ई -७५, सोम बाजार, नन्हे पार्क,नयी दिल्ली ११० ०५९,भारत।
फोन: ०९९१०६०७७२० (संतोष नारायण चौधरी ) एवं ०९३१२४६०१५० (मदन कुमार ठाकुर )।




कार्यालय (नेपाल):राजविराज - ७, सप्तरी, नेपाल।फोन: ००९७७-३१-५२२८३०.

रविवार, 3 मार्च 2013

मिथिलाक गामघर: pahil di safal rahal pahil maithili filim festival...

मिथिलाक गामघर: pahil di safal rahal pahil maithili filim festival...: आइ भोरे भोर दरभंगा पहुँचलौ। मैथिली फिल्म अकादमी दिससँ ओयोजित पहिल मैथिली फिल्म फेस्टिवलमे भाग लेबऽ हेतु। पहुँचैत देखलौ जे किछु मित्र ...

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

गजल


तीतल हमर मोन हुनकर सिनेहसँ
भेलौं हम सदेह देखू विदेहसँ

के छै अपन, आन के, बूझलौं नै
लडिते रहल मोन मोनक उछेहसँ

नाचै छी सदिखन आनक इशारे
करतै आर की बडद बन्हिकऽ मेहसँ

छोडत संग एक दिन हमर काया
तखनो प्रेम बड्ड अछि अपन देहसँ

काजक बेर मोन सबकेँ पडै छी
"ओम"क भरल घर सभक एहि नेहसँ

मफऊलातु-फाइलातुन-फऊलुन (प्रत्येक पाँतिमे एक बेर)

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

गजल


अहाँ हमरासँ एना नै रूसल करू
कनी प्रेमक सनेसाकेँ बूझल करू

हमर जिनगीक बाटक छी संगी अहीं
करेजक बाट कखनो नै छोडल करू

बहन्ना फुरसतिक करिते रहलौं अहाँ
अहाँ कखनो तँ हमरो लग बैसल करू

बहुत मारूक अछि नैनक भाषा प्रिये
अपन नैनक कटारी नै भोंकल करू

करेजा हमर फुलवारी प्रेमक बनल
सिनेहक फूल ई सदिखन लोढल करू

अहीं जिनगी, अहीं साँसक डोरी हमर
करेजक आस नै "ओम"क तोडल करू

(मफाईलुन-मफाईलुन-मुस्तफइलुन)- प्रत्येक पाँतिमे एक बेर

बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

मिथिलाक गामघर: सरस्वती स्तोत्रम्‌ का पाठ

मिथिलाक गामघर: सरस्वती स्तोत्रम्‌ का पाठ: सरस्वती स्तोत्रम्‌ का पाठ :- विनियो ग ॐ अस्य श्री सरस्वतीस्तोत्रमंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः। गायत्री छन्दः। श्री सरस्वती देवता। धर्मा...

मिथिलाक गामघर: माँ सरस्वती द्वादश नामावली

मिथिलाक गामघर: माँ सरस्वती द्वादश नामावली: ज्ञानक देवी सरस्वतीकेँ प्रसन्न करबा लेल कतेको मंत्र, स्तुति आदिक रचना कएल गेल अछि। ओहिमेसँ एक गोट अछि माँ सरस्वतीक द्वादश नामावली स...

मिथिला महिमा


मिथिला महिमा

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prof.krishna kumar jha

मैथिलवंशक अमरसुमन यश इतिहासो अछि गावि रहल ।
अपूर्ण पञ्चम बालक शंकर त्रिलोक महिमा गाबि चुकल ।।

सीता सब मैथिल कन्या छथि पिता जनकपद पाबि चुकल ।
जगदम्बा जनकक आँगनमें बेटी बनि छथि आबि चुकल ।।

त्रिभुवनपति जामाता जिनकर सदेह-विदेह पद पाबि चुकल ।
धनुषयज्ञसँ पुरुषपरीक्षा मैथिल गुण-गौरव पावि रहल ।।

अज्ञानक आकर जग निसृत ज्ञानसुधा छथि पाबि चुकल ।
जगदम्बा उच्चैठ बसलि छथि कालीदासक माय बनलि ।।

शिवशक्ति कोमलकान्ति पदावलि कविकोकिल छथि गाबि चुकल ।
भक्तकवश त्रिभुनपति उगना सेवक बनि छथि आबि चुकल ।।

याज्ञवल्क्य मण्डन वाचस्पतिक मातृत्व मिथिला पाबि चुकल ।
गौतम गङ्गेश भट्टकुमारिल अवतार धरापर पाबि चुकल ।।

गङ्ङा गण्डकि कोसी ओ लक्षमणा जगत विदित बुवि भाबि रहल ।
कमला त्रियुगा अमृता ओ घेमुडा जगबागमती यश गाबि रहल ।।

जय मिथिला मैथिल मैथिली महिमा बनिकऽ आबि चुकल ।
अष्टम अनुसूचिक भाषा बनि मानक गौरव पाबि चुकल ।।

                                              कृष्णकुमार झा"अन्वेषक"
                                              सम्पादक मिथिला दर्पण
                                              सम्पर्क--०९५९४०८६८४८
                                               www.mithiladarpanonline.in

मिथिला दर्शन



मिथिला दर्शन


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prof.krishna kumar jha


आदिकालसँ विद्या-वैभव याज्ञवल्क्य जनकादि ॠषि वर्णन ।
भाव-भक्तिसँ ताकि-हेरिकऽ करारहल छी मिथिला दर्शन ।।

देह विहिन पितासँ उद्भव विदेहमाधव जिनकर नाम ।
मन्थनसँ मिथि जनक यज्ञसँ इक्ष्वाकु तत् पाओल उपनाम ।।

मिथिक बसाओल मिथिला जगत विदित भेल मैथिल नाम ।
जतय अयाची मण्डन मिश्रक महिमण्डित सारस्वत धाम ।।

गङ्गा आउर हिमालय मध्यक तपोभूमि छल मिथिला धाम ।
विदेहमाधव जतय बसाओल धरा-धाम पर सुन्दर गाम ।।

दक्षिण गङ्गा पश्चिम गण्डकि पूव कौसिकी तीभुक्ति महान ।
तुङ्ग हिमालय उतर विराजत सीमा गाओल वेद-पुराण ।।

जगदम्बा तनया शिव सेवक साधकगण सेवित श्रीधाम ।
वैद्यनाथ अवतरल तनय भऽ पिता अयाची शंकर नाम ।।

भाषा मधुर मधुपसँ भाषित कवि-कोकिलसँ कूजित गान ।
वीणा-वादिनि नादित नादक माधव चुम्वित मुरलीक तान ।।

शुक-शारिकाक शास्त्रक चर्चा दर्शन वर्णन भाव समर्पण ।
जय मिथिला जय मैथिली जय मैथिल जय मिथिला दर्शन ।।

                                              कृष्णकुमार झा"अन्वेषक"
                                              सम्पादक मिथिला दर्पण
                                              सम्पर्क—०९५९४०८६८४८
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सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

रचना आमन्त्रण



पाठक आ रचनाकार  लोकनिसँ निवेदन जे समाजिकआर्थिकराजनीतिक,समसमायकिकलासंस्कृतिसँ जूरल अपन मौलिक वा अप्रकाशित आलेख,प्रतिक्रिया आ नीक बेजए अपन सुझाब मात्र मैथिलिमे मिथिलांचल टुडेकेँ पठाबथि ।   नव अंक हास्य विशेषांक (होली उपलक्ष्यमे) जल्दी आबि रहल अछि |                
अपन रचना एहि पतापर पठाबि
सम्पादकीय कार्यालय:- B2/333 तारा नगरसेक्टर-15, ओल्ड पालम नगर,द्वारकानई दिल्ली-78  फोन न० 01132670787, 65858937, फेक्स-011-25335034
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शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

मनुक्ख बनब कोना?


मनुक्ख बनब कोना?

छीः छीः धूर छीः आ छीः
मनुक्ख भ मनुक्ख सँ घृणा करैत छी
ओही परमेश्वर के बनाउल
माटिक मूरत हमहूँ छी अहूँ छी।

केकरो देह मे भिरला सँ
कियो छुबा ने जाइत अछि
आबो संकीर्ण सोच बदलू
ई गप अहाँ बुझहब कोना?

अहिं कहू के ब्राह्मण के सोल्हकन?
के मैथिल के सभ अमैथिल
सभ त मिथिलाक मैथिल छी
आबो सोच बदलू मनुक्ख बनब कोना?

अपना स्वार्थ दुआरे अहाँ
जाति-पाति के फेरी लगबैत छी
मुदा ई गप कहिया बुझहब
सभ त माँ मिथिले के संतान छी।

पाग दोपटा मोर-मुकुट
सभटा त एक्के रंग रूप छी
मिथिलाक लोक मैथिल संस्कार
एसकर केकरो बपौती नहि छी।

एकटा गप अहाँ करु धियान
सभ गोटे मिथिलाक संतान
जाति-पातिक रोग दूर भगाउ
सभ मिली कए लियअ गारा मिलान।

अपने मे झगरा-झांटी बखरा-बांटी
एहि सँ किछु भेटल नहि ने?
सोचब के फर्क अछि नहि कोनो जादू टोना
अहिं कहू आब मनुक्ख बनब कोना?

बेमतलब के गप पर यौ मैथिल
अहाँ एक दोसरा स’ झगरा करैत छी
माए जानकी दुखित भए कानि रहल छथि
ई गप किएक नहि अहाँ बुझहैत छी?

सामाजिक-आर्थिक विकास लेल काज करु
मिथिलाक माटि-पानि उन्नति करत कोना
केकरो स’ कोनो भेदभाव नहि करु
सप्पत खाउ अहाँ मनुक्ख बनब कोना?

सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

मिथिलाक गामघर: निराश केलक पहिल दरभंगा फिल्म फेस्टिवल

मिथिलाक गामघर: निराश केलक पहिल दरभंगा फिल्म फेस्टिवल:   निराश केलक पहिल दरभंगा फिल्म फेस्टिवल मिथिलाक सांस्कृतिक राजधानी दरभंगामे आयोजित पहिल दरभंगा फिल्म फेस्टिवलक आयोजन आइ समपन्न भेल। एहिम...

शनिवार, 26 जनवरी 2013

तामक तमघैल (लेखक जगदीश प्रसाद मण्डल) क मंचन



महा वि‍द्यालय सांस्‍कृति‍क कार्यक्रम-2013
एकांकी- तामक तमघैल-
नाटककार- जगदीश प्रसाद मण्‍डल
ि‍नर्देशक- हेम नारायण साहु।
सह ि‍नर्देशक- कपि‍लेश्वर साहु।
मंच उद्घोषक- उमेश मण्‍डल।
नृत्‍य ि‍नर्देशन- रामवि‍लास साहु।
तबला वादक- श्री प्रमोद कुमारी साह।
नाल वादक- अशोक जी एवं पि‍न्‍टूजी।
ऑगेन वादक- जीबछ कुमार छोटू।
हारमोनि‍यम वादक- शेखर कुमार।
ध्‍वनि‍ विस्‍तारक यंत्र- पवन कुमार मण्‍डल।
मंच सज्‍जा- मदन प्रसाद साहु ‘तरूणा टेन्‍ट हाउस।’
वि‍डि‍योग्राफी- अरूण कुमार साहु।
कार्यक्रम अध्‍यक्ष- प्रो. जय प्रकाश साहु।
कार्यक्रम उपाध्‍यक्ष- मनोज कुमार साहु।
अवसर- 64म गंणतंत्र दि‍वस।
स्‍थान- अशर्फी दास साहु-समाज इण्‍टर महि‍ला महावि‍द्यालय- ि‍नर्मली (सुपौल)
दि‍नांक- 26 जनवरी 2013

कार्यक्रम-

गोसाओनि‍ गीत- जय-जय भैरवि‍सँ
प्रस्‍तुति- सुश्री अपर्णा कुमारी
भाव नृत्‍य-
प्रस्‍तुति- सुश्री अपर्णा कुमारी आ ि‍नधि‍ कुमारी।
देश भक्‍ति‍ गीत-
प्रस्‍तुति- सुश्री सरीता कुमारी।
भाव संगीत-
सुश्री अपर्णा कुमारी आ नि‍धि‍ कुमारी।
नारी शि‍क्षापर आधारि‍त संगीत-
प्रस्‍तुति- सुश्री कंचन कुमारी, लाली कुमारी आ नि‍धि‍ कुमारी।
देश भक्‍ति‍ गीत-
प्रस्‍तुति- सुश्री लाली कुमारी आ लक्ष्‍मी कुमारी।
नारी शि‍क्षापर आधारि‍त- बकरी नै चरेबो माए गइ...
प्रस्‍तुति‍- सुश्री लक्ष्‍मी कुमारी, कंचन कुमारी।
एकांकी ‘तामक तमघैल’
पात्र-परि‍चय केर प्रस्‍तुति-
स्‍त्री पात्र-
रागि‍नी- भूमि‍कामे सुश्री अपर्णा कुमारी।
बलाटबाली- भूमि‍कामे- सुश्री नि‍धि‍ कुमारी।
पीपरावाली- भूमि‍कामे- सुश्री नि‍धि‍ कुमारी।
अनुराधा- भूमि‍कामे- सुश्री मोनि‍का कुमारी।
पुरुष पात्र-
रवि‍न्‍द्र- भूमि‍कामे- सुश्री चन्‍दन कुमारी।
चन्‍द्रदेव- भूमि‍कामे- खुशबू कुमारी।
सुन्नरलाल- भूमि‍कामे- प्रि‍यंका कुमारी।
नशा मुक्‍ति‍पर आधारि‍त गीत- सुश्री सोनी कुमारी।
नाटकक पहि‍ल दृश्‍यक प्रस्‍तुति-
साम्‍प्रदायि‍क एकतापर आधारि‍त समूह गीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री साधना कुमारी, आशा कुमारी, कंचन कुमारी, लाली कुमारी, संजू कुमारी, लक्ष्‍मी कुमारी, सुमन कुमारी आ नीतू कुमारी द्वारा....।
नारी शि‍क्षापर आधारि‍त गीत
प्रस्‍तुति‍- सुश्री रूबी कुमारी।
लोक गाथा- लोक संगीत जट-जटि‍न
प्रस्‍तुति‍- सुश्री लक्ष्‍मी कुमारी, साधना कुमारी, नीतू कुमारी, लाली कुमारी, कंचन कुमारी, आशा कुमारी आ संजू कुमारी द्वारा...।
तामक तमघैल केर दोसर दृश्‍य प्रस्‍तुति-
नारी सशक्‍ति‍करणपर आधारि‍त गीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री कंचन कुमारी आ लाल कुमारी द्वारा....।
भाव संगीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री सरीता कुमारी।
समूह गीत- देश भक्‍ति‍-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री लक्ष्‍मी कुमारी, लाली कुमारी, नीतू कुमारी, साधना कुमारी आ आशा कुमारी द्वारा....।
तामक तमघैल केर तेसर दृश्‍य-
नारी शि‍क्षापर आधारि‍त समूह गीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री साधना कुमारी, आशा कुमारी, कंचन कुमारी आ कवि‍ता कुमारी द्वारा...।
देश भक्‍ति‍ गीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री लक्ष्‍मी कुमारी।
तामक तमघैल केर अंति‍म दृश्‍यक प्रस्‍तुति-
मि‍थि‍लाक प्रसि‍द्ध झरनी गीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री लक्ष्‍मी कुमारी, साधना कुमारी, नीतू कुमारी, लाली कुमारी, कंचन कुमारी, संजू कुमारी आ आशा कुमारी द्वारा...।
भाव संगीत-
प्रस्‍तुति‍-
सुश्री अपर्णा कुमारी, चंदन कुमारी, खुशबू कुमारी, ि‍नशा कुमारी, नि‍धि‍ कुमारी आ मोनि‍का कुमारी द्वारा...।
देश भक्‍ति‍ गीत-
प्रस्‍तुति‍- सुश्री अपर्णा कुमारी आ साधना कुमारी द्वारा...।
अंतमे, पारि‍तोषि‍क वि‍तरन सत्र
मंचासि‍न महानुभाव-
श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल, राजदेव मण्‍डल, रामवि‍लास साहु, प्रो. जय प्रकाश साहु, श्री मनोज कुमार साहु, श्री हेम नारायण साहु, श्री कपि‍लेश्वर साहु आ श्री भागवत साहु।