चलू देरेसँ सही, मुदा मिथिलाक लोक ई तँ मानै छथि जे नागार्जुन गलती केने छला। हुनका तँ आब सजाय नञि देल जा सकैत अछि। ओना नव साहित्यकार आ लेखक लोकनिकेँ एहिसँ किछु सन्देश लेबक चाही।
आब आबी मुल बातपर हमरा जनतबे जहिया यात्री जीकेँ मैथिलीमे साहित्य अकादमी पुरस्कार देल गेल तहियो राजनीती भेल छल, जहिया उषा किरण खानकेँ भेटल तहिया सेहो आ एहि बेर शेफालिका वर्माकेँ भेटल ताहिमे सेहो राजनीती भेल। ई लुट सकै सो लुटि वला बात मैथिली साहित्यमे कोनो नव नञि अछि। तखन सुकान्ता सोम सन वरिष्ठ पत्रकार एहि बातपर बतकुच्चनि कऽ की कहऽ चाहै छथि???????
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