नया संघीय नेपालमें मिथिला राज्य लेल अहिंसात्मक सत्याग्रहरूपी माँग संग धरना पर बैसल मिथिला राज्य संघर्ष समिति - जनकपुर के रामानन्द चौक पर बम द्वारा हमला कैल गेल। एहिमें घटनास्थल पर चारि गोटा निर्दोष सत्याग्रही के मृत्यु भऽ गेल जखन कि लगभग २४ आदमी घायल भऽ गेलाह। नेपाल में कोनो आन्दोलनमें भाग लेनिहार पर एतेक शक्तिशाली बम के प्रयोग आ सेहो सुनियोजित ढंग सऽ होयब अनबुझ रहस्य के तरफ तऽ इशारा करिते अछि संगे मिथिला के पहचान पर एहेन जबरदस्त चोट करब उग्रवादी तत्त्वके अपराधिक मनोवृत्तिके सेहो उजागर करैत अछि। मिथिलाके इतिहासमें शायद ई पहिल दुर्भाग्यपूर्ण बमकाण्ड केर घटना थीक। विगत किछु दिन सँ मिथिला राज्य संघर्ष समिति अपन माँग मिथिला राज्य के निर्माण प्रति नेपाल सरकार के ध्यानाकर्षण हेतु चरणबद्ध रूपमें करैत आबि रहल छल। ठीक जानकी नवमी एहेन पुनीत अवसर पर जनकपुरके पावन धाम के एहेन निन्दनीय घटना सऽ अपवित्रता केर कलंक लगायल गेल। समूचा मिथिलांचल के लोक नेपाल, भारत के संग विश्वके अनेको कोणमें रहनिहार के स्तब्ध कय देलक।
विगत किछु वर्षमें नेपाल सऽ राजतंत्रके खात्मा भेला उपरान्त नया संविधान बनबाक क्रम जारी अछि आ आब मुश्किल सऽ किछु दिन मात्र बाकी अछि जखन नेपाल के संविधान के घोषणा करब अनिवार्य अछि। नेपाल के सर्वोच्च अदालत एक अन्तिम तारीख जेठ १४ गते तक बनाबय लेल संविधान सभाके निर्देशन देने अछि। एहि अन्तिम तारीखके घोषणा भेला उपरान्त वर्तमानमें एहिठाम समस्त जनमानस अपन-अपन जातीय, क्षेत्रीय, सांस्कृतिक, भाषिक व अन्य पहचान के संविधानमें स्थान दियेबाक लेल व्यग्र अछि। एहेन कोनो दिन नहि जे कतहु बन्दी नहि होइ, हड़ताल नहि होइ वा कोनो प्रकार के माँग जनता अपन तरीका सँ सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहि करैत हो। राजनीतिक दल सभ सेहो आपसी सहमति लेल जी-तोड़ प्रयास कय रहल अछि। जखन कि मिथिला प्रति सभके हृदयमें सम्मान छैक, लेकिन मधेस के राजनीति आ समग्र मधेस एक प्रदेश के माँग जाहिपर पहिले बेर एतेक रास सभासद चुनाव जीतिके संविधान सभा पहुँचल अछि, एहि सभ सँ मिथिला प्रति उदासीनता स्पष्ट रूपमें देखल जा रहल अछि। जे माओवादी पार्टी अपन चुनावी घोषणापत्र में संघीय नेपालमें मिथिला राज्य के सम्मानपूर्वक गठन करब कहने छलैक तेकर किछुवे दिन पूर्व एक नया प्रस्तावना राज्य-पुनर्गठन आयोग समक्ष रखलक जाहिमे मिथिला के नामोनिशान तक नहि देखेलक आ एक नया नाम मधेस विराट प्रदेश के चर्चा कयलक जाहि सँ मिथिलाके लोकमें उद्वेलन भेलैक आ तदोपरान्त मिथिला राज्य संघर्ष समिति अपन शान्तिपूर्ण आन्दोलन विभिन्न चरणमें करैत आबि रहल छल आ वर्तमानमें सेहो निरंतरता पौने छैक। मिथिला लेल मधेसवादी दल के द्वैत चरित्र सेहो देखयमें अबैत छैक। नेपाल के गणतंत्र घोषित होइते उत्पीड़ित पक्ष सभ के दबल आवाज उखड़लैक आ एहि में मधेस के आन्दोलन द्वारा मधेसीके सम्मान उपलब्धिमूलक भेलैक। चारू कात सऽ बस एक आवाज एलैक जे पहिले समग्र मधेस एक प्रदेश के मान्यता भेटैक तदोपरान्त मधेस भीतर जतेक संस्कृति, भाषा-भाषी, जात-जाति आदि छैक तेकरा लेल विकास क्षेत्र के रूपमें अलग-अलग प्रदेश बनायल जेतैक। लेकिन राजनीतिक धार के दिशा संक्रमण काल के एहि किछुवे वर्ष में एहेन बनि गेल छैक जे मधेस एक प्रदेश निर्माण व्यवहारिक नहि छैक, एतय तक जे स्वयं मधेसवादी दल जे सत्तामें पर्यन्त साझेदार छैक सेहो सभ अलग-अलग फोरम सऽ आवाज निकालय लागल छैक जे एक मधेस प्रदेश के माँग व्यवहारिक नहि छैक। एतबा नहि... मधेस एक प्रदेश के सभ सऽ पैघ बाधक एहिठाम के आदिवासी, जनजाति, मुसलिम आदि सेहो अपन पहचान मधेसी के रूपमें करय सऽ इनकार कयलाके बाद एहेन झगड़ा आ अन्तर्कलह के स्थिति उत्पन्न भेलैक जे नेपालमें एक मधेस प्रदेश के माँग लगभग अनिश्चित बनि गेलैक।
नेपालमें सभ दिन राजनीतिक निर्णयमें भारतके मुख्य भूमिका देखल गेलैक अछि। हालहि भारत के सेना प्रमुख अपन नेपाल यात्रा पर आयल समयमें प्रेसके सम्बोधित करैत कहलखिन जे नेपालमें एक मधेस प्रदेश के प्रारूप व्यवहारिक नहि छैक। नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दल नेपाली काँग्रेस, एमाले व एमाओवादी सभ एहि बात पर अपन प्रतिबद्धता जाहिर कयलक जे नेपालमें एक मधेस प्रदेश संभव नहि होयत। तखन आब मिथिलाके पहचान लेल राजनीतिक दलमें कि सोच अछि व हुनका सभके द्वारा राखल गेल प्रारूपमें मिथिला के चर्चा किऐक नहि कैल गेल अछि इत्यादि महत्त्वपूर्ण विन्दुपर मैथिल सभ सोचय लगलाह आ लगभग तीन दशक सऽ मिथिला राज्यके माँग करनिहार मिथिला राज्य संघर्ष समिति के नेतृत्वमें ई माँग राखल गेल जे मिथिला राज्य कायम कैल जाय।
एहि तरहक अनेको आन्दोलन नेपालमें सर्वत्र चलि रहल अछि। मधेसमें अन्य समूह द्वारा सेहो अपन पहचान आ क्षेत्र के अलग राज्यके रूपमें कायम करबाक लेल आन्दोलन चलि रहल अछि। लेकिन किछु धार एहनो अछि जे मधेस स्वतंत्र देश निर्माण करय लेल अपन प्रतिबद्धता जाहिर करैत आबि रहल अछि। वर्तमान हमला के जिम्मेवारी एहने एक गूट लेलक अछि जेकर माँग मधेस स्वतंत्र देश के छैक। लेकिन विडंबना एहेन छैक जे अन्य समूह द्वारा मधेसमें कैल जा रहल कोनो माँग के प्रतिकार स्वरूप आइ धैर एहेन कोनो कार्रबाई एहि भूमिगत समूह सभ द्वारा नहि कैल गेल अछि। लेकिन मिथिलाके लोक स्वभाव सऽ कोमल हृदयके आ व्यक्तिवादी सोचमें बेसी अग्रसर रहैछ तखन एहेन माँग लऽ के सड़क पर आन्दोलन करैत देखि प्रतिद्वंद्विताके भावना सऽ या अन्जान कोनो भय व आक्रोश के कारण एहेन जघन्य हमला कैल गेल संभव बुझैछ।
नेपालमें हर तरफ सऽ एहि हमलाके निन्दा भेल अछि। भूमिगत संगठन सभ सेहो एहि तरहक कार्रबाई के अपराधिक कहलक अछि। राष्ट्रसंघीय मिशन द्वारा घटनाके संज्ञान लैत नेपाल सरकार सऽ निष्पक्ष जाँच करैत आवश्यक कार्रबाई के सिफारिश कैल गेल। तहिना भारत के दूतावास द्वारा सेहो एहि घटना के भर्त्सना कैल गेल। समूचा राष्ट्रमें एक अजीब शोक-लहर पसैर गेल अछि। मिथिला क्षेत्र सँ बाहर सेहो मैथिल सभ एकर भर्त्सना आ शोक सभा कय रहल छथि। भारतमें सेहो एहि घटना पर मैथिल सभ अपन आक्रोश प्रकट कयलनि अछि। राजनीतिकर्मी सभ मिथिला राज कायम करय लेल अपन शुभकामना संदेश पठौलनि अछि। आगामी १२ मई, २०१२ के एक वृहत रैली के द्वारा श्रद्धाञ्जलि सभा जानकी मन्दिर प्राँगणमें आयोजित कैल जायत से मिथिला राज्य संघर्ष समिति के सह-संयोजक सुनील मल्लिक बतौलनि अछि। संयोजक परमेश्वर कापड़ि सेहो बम-हमलामें घायल भऽ गेल छलाह। हुनक इलाज काठमाण्डुमें चलि रहल छन्हि आ ओ खतरा सऽ बाहर छथि। एहि घटनामें मारल गेल पाँचो जनकेँ नेपाल सरकार शहीद घोषणा कयलक आ सभक परिवार के दस-दस लाख के क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराबय के घोषणा कयलक अछि। संगहि घायल सभक बेहतरीन इलाज लेल स्वयं प्रधानमंत्री एक विशेष मिटींग करैत डाक्टर सभके निर्देशन देलनि। घटना के फोटो सभ निम्न अछि।
- प्रवीण चौधरी
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