- Rupesh Teoth, Vijay Deo Jha, Chandan Jha and 5 others like this.
- Vijay Deo Jha बाबु उमेश मंडल (गुमास्ता गजेन्द्र ठाकुर), ग़ज़ल सम्राट आशीष अनचिन्हार मतलब तिलंगा समुदाय। अपने कने मोन पारल जाय जे पागक विरोध में अपने लोकनि उप्पर सअ निच्चा उल्टी केलौं। बाबू उमेश मंडल ई अपने के पिताजी के फोटो अई ने। बेटा आगि मुतय आ पिता पाग पहिरि क ढोंग करय। दुनु बाप बेटा परम लोभी आ धूर्त
- Vijay Deo Jha I am referring you one of the post of Ashish Anchinha R. It should be noted Umesh and Anchinhaar.... belong to same school of destruction. किछु दिन धरि जे लोक सभ ब्राम्हणवाद पाग दोपटा टीका ठोप पर चुप भए तमाशा देखि रहल छलाह आ ब्राम्हणवादकक समर्थक छलाह से सभ आइ-काल्हिसँ ब्राम्हणवादकेँ विरोधी बनि गेलाह अछि लगैए वा तँ नीके हएत वा खरापे.... भगवान मालिक छथि।
- Rupesh Teoth मोन पडल पाग-प्रसंग...एक गोट प्रकाशित रचना—
केहन भेल छै पागक भाग
सुतल मैथिल आबहु जाग
केs कटतउ बारी केर साग
छौ फुफकारैत बैसल नाग
नहि देखै छै दिन ओ राति
बांटि रहल कहि कs जाति
बी एलर्ट पछतायब पछाति
चिन्ह केs कुकुराहाक नाति
बैसल अछि घर मे नोचय चार
लड़ा रहल कहि बाभन ओ रार
ओझरओने ओ छुतहरबा सार
पहिरि बैसल छौ मखानक हार
कहैछ निज कें मैथिल सेवी
काटि रहलैछ बरमहल जेबी
पूछही कहतौ दिस दैट मे बी
ध्यान लगौने कतय जिलेबी
देखैत लगइए मिधि-मिसराइन
मिथिला हेतु अछि बड़का डाइन
आंगुर जोडैए थ्री-सिक्स-नाइन
जखन-तखन छकरइए आइन
मैथिल सम्हरै छौ एखने बेर
बनल बैसल छौ नढ़िया शेर
लाभ देखैत ओ टपकाबय लेर
ने बाट बिसर सुनि बातक फेर
मिथिला जनैछ निश्चय विद्वान्
उडै छैक कौआ पकड़ तों कान
पावन पाग-पान, माछ-मखान
मैथिल केर यएह थिक पहिचान
— रूपेश कुमार झा 'त्योंथ'
शनिवार, 19 जनवरी 2013
paag pahiri samaan lait paagak virodh kenihaar saahitykaar aa umesh mandalak pita maanniya mandalji
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