मिथिलांचल टुडे मैथिलि पत्रिका

मिथिलांचल टुडे मैथिलि पत्रिका पहिल अंक लअके बहुत जल्दिय आबी रहल अछि,अपनेक सबहक समक्ष , किछू हमहूँ कहब आ किछु अहूँ के सुनब,देखू -- http://www.mithilanchaltoday.in/ , E- mail - mithilanchaltoday@gmail.com

मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

दोसर चरणक पहिल सगर राति दीप जरय दरभंगामे सम्पन्न- डिजिटल फॉर्ममे ३७ टा पोथीक लोकार्पण / चोर रोशन कुमार झा ("राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक ) अखनो नै हटेलक जगदीश प्रसाद मण्डलक ओकरा (चोर रोशन कुमार झा ) द्वारा कएल चोरिक लघुकथा सभ अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग)सँ- साहित्यिक जगतमे ऐ सँ घोर क्षोभ अछि- चोर आ ओकर अधीनस्थ सम्पादक-सहयोगीपर कार्रवाइपर विचार (रिपोर्ट उमेश मण्डल)



सगर राति‍ दीप जरय-

कि‍रण जयन्‍ती केर अवसरपर दि‍नांक १ दि‍सम्‍बरक साँझ ६ बजेसँ भि‍नसर ६ बजे धरि‍ दरभंगाक कटहलवाड़ी स्‍थि‍त एम.एम.टी.एम महावि‍द्यालयक प्रेक्षागारमे सगर राति‍ दीप जरय-कथा गोष्‍ठीक आयोजन अरवि‍न्‍द ठाकुर जीक संयोजकत्‍वमे भेल। ऐ गोष्‍ठीक उद्घाटन डी.आइ.जी. राकेश कुमार मि‍श्र दीप प्रज्‍वलि‍त कऽ केलनि‍। डॉ. भीम नाथ झाक अध्‍यक्षता एवं अजीत आजाद जीक संचालनमे ऐ भरि‍ राति‍क कार्यक्रमकेँ तीन सत्रमे बाँटि‍ आगू बढ़ाओल गेल। पहि‍ल सत्र छलै उद्घाटनक दोसर  लोकार्पण आ तेसर कथा वाचन सह समीक्षाक। मध्‍यांतर सेहो भेल जइमे नीक भोजनक आ लगभग दससँ बीस मि‍नट धरि‍क आरामाक बेवस्‍था छल। अहाँकि‍ ई बेवस्‍था गोष्‍ठीमे आनायास भेलै, भेलै ई जे भोजनक प्रवन्‍ध साकट लेल अलग। जइसँ दू तोजीमे भोजन कराओल गेलै। जइमे समए लागल। आ एकटा आर महत्‍वपूर्ण बात ई जे मंच संचालक अजीत आजादजी स्‍वयं दुनू सत्रक भोजनमे टहलि‍-टहलि‍ भोजन करबेलखि‍न। अर्थात् पहि‍ल तोजीमे भोजन केनि‍हार कथाकारकेँ लगभग बीस मि‍नट सुतैक अवसर भेट गेलैक।
सत्रक आरम्‍भ श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल लि‍खि‍त एगारह गोट पोथीक लोकार्पण जे पी.डी.एफ फाइलमे सी.डी.क रूपमे भेल जेकर वि‍वरण एना अछि‍-
गीतांजलि‍ (गीत संग्रह), इन्‍द्रधनुषी अकास (कवि‍ता संग्रह), तीन जेठ एगारहम माघ (गीत संग्रह), राति‍-दि‍न (कवि‍ता संग्रह), अर्द्धांगि‍नी.. सरोजनी.. सुभद्रा.. भाइक सि‍नेह इत्‍यादि‍ (लघुकथा संग्रह), शंभुदास (दीर्घकथा संग्रह), बजन्‍ता-बुझन्‍ता (वि‍हनि‍ कथा संग्रह), कम्‍प्रोमाइज (नाटक), झमेलि‍या बि‍आह (नाटक), पंचवटी (एकांकी संचयन) आ सतभैंया पोखरि‍ (लघुकथा संग्रह)। तकर बाद श्री गजेन्‍द्र ठाकुर लि‍खि‍ल ९ गोट पोथी लोकार्पण (सी.डी.) मे भेल। तकर सबहक वि‍वरण एना अछि‍- प्रबन्ध-निबन्ध-समालोचना भाग-१सहस्रबाढ़नि (उपन्यास)सहस्राब्दीक चौपड़ि‍पर (पद्य संग्रह)गल्प-गुच्छ (विहनि आ लघु कथा संग्रह)संकर्षण (नाटक)त्वञ्चाहञ्च आ असञ्जाति मन (दूटा गीत प्रबन्ध)बाल मण्डली/ किशोर जगत (बाल नाटककथा, कविता आदि)उल्कामुख (नाटक) आ सहस्रबाढ़नि उपन्‍यासक अंग्रेजी अनुवाद The Comet नामक पोथी जेकर अनुवादक थि‍कीह श्रीमती ज्‍योि‍त सुनीत चौधरी। एही कड़ीमे ऐ दुनू रचनाकारक अलादा वि‍देह-सदेह भाग-५सँ१० धरि‍क संकलन जे वि‍देह मैथि‍ली लघुकथा, वि‍देह मैथि‍ली नाट्य उत्‍सव, वि‍देह मैथि‍ली पद्य, वि‍देह मैथि‍ली प्रवन्‍ध-नि‍वन्‍ध, वि‍देह शि‍शु उत्‍सव आ वि‍देह मैथि‍ली वि‍हनि‍ कथाक छल। ततबे नै एगारहटा आर रचनाकारक पोथी सी.डी. रूपमे सबहक बीच आएल जइमे १. वर्णित रस- (कवि‍ता संग्रह) उमेश पासवान (औरहा, मधुबनी), २. नव अंशु- (गजल, रूवाइ आ कता संग्रह) अमीत मि‍श्र (करि‍यन, समस्‍तीपुर), ३. रथक चक्का उलटि‍ चलै बाट- (कवि‍ता संग्रह) राम ि‍वलास साहु (लक्ष्‍मि‍नि‍या, मधुबनी), ४. कि‍यो बूझि‍ ने सकल हमरा- (गजल, रूवाइ आ कता संग्रह) ओम प्रकाश झा (भागलपुर), ५. बाप भेल पि‍त्ती आ अधि‍कार- (नाटक) बेचन ठाकुर (चनौरागंज, मधुबनी), ६. हम पुछैत छी- (साक्षात्‍कार) मनोज कुमार कर्ण, मुन्नाजी (रूपौली, मधुबनी), ७. हमरा बि‍नु जगत सुन्ना छै- (गीत-झारू संग्रह) रामदेव प्रसाद मण्‍डल ‘झारूदार’ (ररूआर, सुपौल), ८. क्षणप्रभा- (कवि‍ता संग्रह) शि‍व कुमार झा ‘टि‍ल्‍लू’ (करि‍यन, समस्‍तीपुर), ९. हमर टोल- (उपन्‍यास) राजदेव मण्‍डल (मुसहरनि‍याँ, मधुबनी), १०. मोनक बात- (गजल, रूवाइ आ कता संग्रह) चंदन झाक आ ११म नीतू कुमारीक मैथि‍ली चि‍त्र कथा, ऐ तरहेँ ऐ गोष्‍ठीमे, कुल्‍लम 37टा पोथी लोकार्पित भेल।
      कथा पाठ आ तइपर समीक्षकक टीप्‍पणी ऐ गोष्‍ठीक वैशि‍ष्‍टय अछि‍। पहि‍ल पालीमे श्रीमती वीणा ठाकुर, आशा मि‍श्र, ज्‍योत्‍सना चन्‍द्रम, श्‍याम भाष्‍करक लघुकथा आ उमेश मण्‍डलक वि‍हनि‍ कथाक पाठ भेल। समीक्षीय टीप्‍पणी भेल। अहि‍ना आगूक पालीमे कथाकार अपन नूतन कथाक पाठ केलनि‍-
बेचन ठाकुर- वेस्‍ट मैडम
लक्ष्‍मी दास- टाइपि‍स्‍ट
चन्‍देश्वर खाँ- नाओल्‍द
अनमोल झा- फाइल, सेयर
मुरलीधर झा- मनुक्‍ख
अभि‍षेक- महापुरुष
रामाकान्‍त राय ‘रमा’- वकवास
रामवि‍लास साहु- घूसहाघर
नारायणजी- छत्ता
शैलेन्‍द्र आनन्‍द- फोरलेन
पवन कुमार साह- अपन रीति‍
सुभाषचन्‍द्र सनेही- बूढ़ी
नन्‍द वि‍लास राय- बाबाघाम
उमेश पासवान- अजाति‍
अशोक कुमार झा- माछक मोटरी
परमानन्‍द प्रभावकर- परि‍वर्त्तन
फूल चन्‍द्र मि‍श्र प्रवीण- परि‍वर्त्तन
दुखमोचन झा- समरथको नहि‍ दोष गोसाई
दुर्गानंद मण्‍डल- कुकर्मा
जगदीश प्रसाद मण्‍डल- अनदि‍ना, बुधनी दादी
शि‍व कुमार मि‍श्र- नापता
शशि‍कान्‍त झा- दूरी
अच्‍छेलाल शास्‍त्री- गामक लोक शीर्षकक कथा पढ़लनि‍। हलाँकि‍ शास्‍त्री जीक कथाक वाचन मात्र एक पृष्‍ठ  सुनला पछाति‍ रोकि‍ देल गेल ई कहि‍ जे ई कथा नै आलेख थि‍क। अच्‍छेलाल शास्‍त्रीक ई पहि‍ल मंच रहनि‍ जइपर ओ कथा पढ़ि‍ रहल छलाह, ओना कवि‍ता आइ तीस बर्ख पहि‍नेसँ लि‍खैत छथि‍। ई मंचक अध्‍यक्ष संग संचालक एवं ऐ दुआरे केलनि जे पृष्‍ठ भरि‍क वाचनमे कथोप-कथन कि‍एक नै आएल। शास्‍त्री जीक कहब छलनि‍ जे कथोप-कथन कोनो कथाक एक तत्‍व थि‍क से हमरो बूझल अछि‍ आ तकर समावेश अवश्‍य केने छी मुदा से आगू अछि‍ माने अगि‍ला पृष्‍ठमे। तथापि‍ कथाक वाचन रोकि‍ देल गेलनि‍। आ अच्‍छेलाल यादव शास्‍त्री अपन कथाक अपूर्ण पाठसँ नि‍रास रहि‍ गेलाह।
अमीत मि‍श्र, मुकुन्‍द मयंक, अमलेन्‍दु  शेखर पाठक, रौशन झा इत्‍यादि‍ व्‍यक्‍ति‍क कथाक पाठ सेहो भेल आ तइपर टीप्‍पणी गुनजाइश हि‍साबे। टी‍प्‍पणीकार सभ छलाह- फूलचन्‍द्र मि‍श्र रमण, रमानंद झा रमण, भीमनाथ झा, अशोक मेहता, दुर्गानन्‍द मण्‍डल, कमल मोहन चुन्नु, नारायणजी, कुमार शैलेन्‍द्र, जगदीश प्रसाद मण्‍डल, कमलाकान्‍त झा (जयनगर), योगानंद झा इत्‍यादि‍।
आगि‍ला ‘सगर राति‍ दीप जरए’ कमलेश झाक संयोजकत्वमे घनश्‍यामपुरमे हेबाक घोषणा सेहो भेल। दीप आ उपस्‍थि‍ति‍ पुस्‍ति‍का स्‍थानीय संयोजक अरवि‍न्‍द्र ठाकुर कमलेश झाकेँ हस्‍तगत करा गोष्‍ठीक समापनक घोषण केलनि‍।
















































-चोर रोशन कुमार झा अखनो नै हटेलक जगदीश प्रसाद मण्डलक ओकरा (चोर रोशन कुमार झा ) द्वारा कएल चोरिक लघुकथा सभ अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग)सँ- साहित्यिक जगतमे ऐ सँ घोर क्षोभ अछि- चोर आ ओकर अधीनस्थ सम्पादक-सहयोगीपर कार्रवाइपर विचार

-चोर रोशन कुमार झाक चोरिक सबूत नीचाँ लिंकमे अछि जे ओ अखन धरि अपन ई-पत्रिका (ब्लॉग) सँ डिलीट नै केलक अछि। ओकर एकटा आर ई-पत्रिका (ब्लॉग) छै जैमे ओकर अधीनस्थ सम्पादक अमलेन्दु शेखर पाठक आ सहयोगी कुमार शैलेन्द्र, शंकरदेव झा आदि छै। एकर अतिरिक्त मिथिलांगनसँ जुड़ल रवीन्द्र दासक सेहो ऐ चोरक प्रति सहानुभूति छै।

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-जगदीश प्रसाद मण्डलक रचनाक केलक चोरि-
चोरिक लिंक नीचाँ देल जा रहल अछि:
 http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/rikshaavala.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/jivika.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_7993.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_9212.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_4646.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_691.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_88.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_7693.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_4876.html
http://mithlakgaamghar.blogspot.in/2012/05/blog-post_31.html


ई धूर्त रोशन कुमार झा ई सभ रचना जगदीश प्रसाद मण्डलक " गामक जिनगी" सँ चोरा कऽ अपन ई-पत्रिकामे छपने अछि जेकर लिंक ऊपर देल गेल अछि। गामक जिनकीकेँ मैथिलीक पहिल टैगोर पुरस्कार भेटल छै।

पहिनहियो एकर संगी रण्जीत चौधरी मुन्नाजीक रचनाक लगातार चोरिमे पकड़ाएल अछि, जे अजित आजादक  मिथिलाक अबाज पर अखनो अछि। अजित आजाद मुन्नाजीकेँ कहने रहथिन्ह जे ओ रण्जीत चौधरीकेँ बैन करताह आ चोरिक रचनाकेँ डिलीट करताह, मुदा हुनकर कार्यालसँ से अखन धरि से नै भेल तावत ओही कार्यालयसँ ई नबका चोर रोशन कुमार झा आबि गेल।

ऐ चोरक संरक्षक अमलेन्दुशेखर पाठक (जिनकर पिता शिवकान्त पाठक रामदेव झा आदिक संग आकाशवाणी दरभंगा खोलने छथिन्ह, जे रोशन झाक निचुक्का ब्लैकमेल पत्रसँ सिद्ध होइत अछि, कारण ओ जकरा चाहता तकरा अमरसँ रोशन झा धरिकेँ आकाशवाणीमे कार्यक्रम देता आ गौहाटीक विद्यापति पर्वक आयोजक ककरा कहियाक टिकट पठबै छथि से ओ हिनके आ बैजू सँ पुछि कऽ आगाँसँ पठेथिन्ह!!), शंकरदेव झा आदि छथि जकरा संगे मिलि कऽ ई ब्लॉग (ई-पत्रिका) चलबैत अछि।
-ऐ संगठित चोरिमे रोशन कुमार झा, रणजीत चौधरी आदि प्यादा अछि, मुख्य खिलाड़ी यएह सभ छै।
-पूर्वपीठिका देखू http://esamaad.blogspot.in/2012/08/blog-post_4877.html



रोशन कुमार झा जे रचना चोरि केलक तकर सरगना सभक चिट्ठी/ किरदानी आदि नीचाँमे अछि

मातृभाषा: मैथिलि पाक्षिक ई-पत्रिका(!!)

जे की दरभंगास प्रकाशित पहिल ई-पत्रिका अछि . एकर पहिल अंक छपी चुकल अछि . जेना की सर्वविदित अछि जे अहि स पहिने विदेह ई-पत्रिका सेहो निकली रहल अछि . विदेह साहित्य लेल काज त कैरते अछि मुदा एक टा काज ओ बखूबी क रहल अछि आ दिन प्रतिदिन क रहल अछि . ओ काज अछि जातिवादिताक नाम पर झगरा केनाइ साहित्यकार सभ केर खुलेआम फसबूक आ ब्लोगक माध्यम स गारि पढ्नाई .
मातृभाषा ई-पत्रिकाक अंक देखैत देरी नहीं जानी किया गजेन्द्र ठाकुरअक देह में आगि किअक लागी गेलें आ ओ अपन चेला चपाटीकेर पुनः मैदान में लड़बाक लेल उतारी देलैन . हुनक एक टा चेला जिनकर नाम उमेश् मंडल छियैन ओ अपन घरवाली केर ब्लॉग ईसमदिया पर एक टा पोस्ट केलें जे फल फल आदमी मिलि ब्लाच्क्मैलिंग  करबाक उद्देश्य स अहि पत्रिकाक शुरुआत केलक अछि . विदेह फसबूक ग्रुपअक एक टा पोस्ट पर माननीय आशीष अनचिन्हार आ उमेश मंडल जी कमेन्ट देला जे मा
तृभाषा ई-पत्रिकाक सम्पादक महान ब्रह्मण वादी अमलेंदु शेखर पाठक छैथ .

अमलेंदु शेखर पाठक मैथिलिक साहित्यकार , दरभंगा रेडिओ स्टेशनअक उद्घोषक आ वरिस्थ पत्र्रकार छैथ . आब सवाल उठैत अछि जे एहन आदमी पर उमेश मंडल जी ब्रह्मण वादी हेबाक आरोप किअक लगा रहल छैथ .

अहि सवालक जवाब लेल किछु समय पाछू घुर पडत . रेडिओ स्टेशन स एक दिन पाठक जी उमेश मंडल केर फ़ोन केल्थिन जे अपनेक पोस्टल एड्रेस की अछि ? उमेशक पुछला पर पाठक जी कहलें जे आहाक रेडिओ में कथा पढबा हेतु छित्ती पता रहल छि . उमेशक काटन छल जे हमरा बदला ज हमर पिताजिकर अवसर देब त हमरा नीक लागत . पाठक जी कहलें जे आहा चिंता जुनी करू हम दुनु गोटेक अवसर देब . ओही दिन स पाठक जी ओही उमेश लेल भगवान् छल आ बहूत दिन रहबो केला . तखन उमेश आ हुनका किअक गाडिया रहल छैन .
पछिला बरख गुवाहाटी में अंतर रास्ट्रीय मैथिलि सम्मलेन भेल छल ओही थाम २ दिवसीय कार्यक्रमअक आयोजन छल . पहिल दिन कवि घोस्थी आ दोसर दिन विद्यापति समारोह . उमेश मंडल आ हुनक पिताजी केर दोसर दिनक आयोजनक लेल आमंत्रित कैल गेल छल , मुदा महा साहित्यकार उमेश मंडल एक दिन पहिने गुवाहाटी पहुँच गेला . उमेश पाठकजी स आग्रह केलें जे हाम्रो पिताजी केर कविता पढबा लेल बजेबैं अपनेक आभारी रहब . मुदा समय कम रहबाक आ कवि बेसी हेबाक कारण उमेशक आग्रह पाठक जी नहीं पूरा का सकला अहि कारने जे आदमी हुनका नजरी में आई धरी भगवान् छल से आबी ब्राह्मण वादी बनी गेल छल .
विदेह केर एहो कास्ट छैन जे दोसर ई-पत्रिका किअक निकली रहल अछि . कारण साफ़ अछि जाहि पत्रिकाक सम्पादक मंडली लोकनि अपन समय झगरा आ गारि पढबा में बितेता टा निक रचना कतय स छपता .

"राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका (!!) मातृभाषा शुरू केलक अछि।(रिपोर्ट पूनम मण्डल)
राड़केँ सुख बलाय" केर लेखक रोशन कुमार झा रामदेव झाक बेटा, विद्यानाथ झा विदितक जमाए आ चन्द्रनाथ मिश्र "अमरक" नैत शंकरदेव झा-विजयदेव झाक संग मिलि कऽ एकटा ब्लैकमेलिंग ब्लॉग ई-पत्रिका मातृभाषा शुरू केलक अछि।
धूर्त रोशन कुमार झा:राअर के सुख बले :
मिथिलाक गाम घर :

राअर के सुख बले :()रोशन कुमार झा:

पढुआ काका किछु काज स दरभंगा आयल छलाह . जखन सव काज भ गेलैन त बस पकर्बाक लेल बस स्टैंड गेलाह , मुदा गामक बस छुट्टी गेलैन .
पधुआ काका हमरा फ़ोन केलैने ? रोशन कतय छ: ? हम आकाशवाणी लग ठाढ़ छि ? हाउ हम तोहर घरे बिसरी गेलिय . तो आबी क हमरा ल जा .

जखन हम पढुआ काका क ल के घर पर आय्लाहू त घर पर लाइन छल .चुकी गर्मी काफी छल ताहि कारने पंखा चला हुनका लग बैसी गेलहु आ हुनका अपन कंप्यूटर पर फसबूक के खोली हुनका देखाबय लाग्लाहू ?
अचानक ललका पाग केर देखैत देरी हुनक मन गडद-गडद भ गेलैने . ओ कह्लैने जे की " इ थिक मिथिला वासी केर पहचान , आ पाग पहिर्ला स बाढ़ी जाइत अछि मान "

हम कहलियैक , काका किछू लोक केर कथन अछि जे की पाग मात्र उपनयन , विवाह में पहिरे वाला एक टा परिधान अछि जे की बाभन आ लाला सब मे पहिरल जाइत अछि ?

ओ कह्लैने हौ जे इ गप करैत अछि ओ पागल हेताह ?
हम कहलियैक , कका ओ सब पढ़ल लिखल आ पैघ-पैघ साहित्यकार छैथ आ विदेह सनक पत्रिका सेहो निकालैत छैथ ?

किछु काल केर उपरान्त पढुआ कका कह्लैने जे की एकटा , दूटा ओही महानुभाव केर नाम त कहक जे सब पाग केर मिथिला केर मान नहीं बुझैत अछि आ मात्र ओकरा जातिगत स जोरी रहल अछि ?

हम कहलियैक आशीष अनचिन्हार , उमेश मंडल , पूनम मंडल प्रियंका झा आ विदेह केर सम्पादक गजेन्द्र ठाकुर .
कका कह्लैने हौ अहि मे त कोनो पैघ साहित्य कार लोकनि केर नाम कहा अछि ?
कका आजुक समय केर इ सब करता धर्ता छैथ साहित्य जगत के .
हौ यदि आजुक साहित्य केर करता एहन छैथ त नहीं जानी की होयत भविष्य मे ?

हमरा सब केर समर में हरिमोहन झा , नागार्जुन , दिनकर सब सनक महान रचना कार लोकिन छलाह . से इ सब कोनो हुनका स पैघ छैथ जखन ओ लोकिन पाग पहिर अपना केर गौरवान्वित बुझैत छलाह तखन आजुक नौसिखुआ सब के की औकात ?

ओ कह्लैने हौ बाऊ ब्रह्मण एकर विरोध किअक क रहल अछि से नहीं जानी मुदा जिनकर बाप दादा कहियो पहिर्बे नहीं केने हैथ हुनका त अवस्य ने असोहाथ बुझेतैन .
ओहुना मिथिलाक गाम घर मे कहल जाइत अछि जे की " राअर केर सुख बले " .
 ·  ·  · 3 hours ago


  • 9 minutes ago ·  · 1

  • Ashish Anchinhar एहि पत्रिका केर सम्पादक महान ब्राम्हणवादी अम्लेन्दु शेखर पाठक अछि
    9 minutes ago via mobile ·  · 1

  • Umesh Mandal जगदीश प्रसाद मण्डल जीकेँ गौहाटी विद्यापति समारोहमे मुख्य अतिथि बनाओल गेलापर वैद्यनाथ बैजू आ अमलेन्दु शेखर पाठक आदि हंगामा केने रहथि, अमलेन्दु शेखर पाठक कहि रहल रहथि "सपनोमे नै सोचने हेतै", एकर वीडियो देखू www.purvottarmaithil.org पर

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