मिथिलांचल टुडे मैथिलि पत्रिका

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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012


मिथलाक गाम घर : 


गामक छठ पूजा : ४ 


मिथलाक गाम घर : सांझ खन जखन हम बाबा पोखरी पर पहून्च्लाऊ टी ओही थाम बहुतो चौरा - मारे सब बैसल छल ।  ओही सब गोते म हमर मसिऔत जेकर नाम मुकेश अछि सेहो बैसल छल । हमारा देखैत देरी ओ बाजल , भेजी मनू कहैत छल जे की अहू थाम प्रोग्ग्रामे होयत ? ई बात साचो थिक वा झूठ ? अहि गपक कोनो उतर नहीं द हम ओकरा स एकटा सवाल पोछ्लियैक । अगर अहि ठाम प्रोग्ग्राम  होयत त आहा हमारा लोकानी दिश रहब वा जगरनाथ - प्रवीन दिश ? अहि प्रश्न के सूनी मुकेश कहलक जे की देखियो भाईजी , हम ओही ठाम चंदा देबाक हेतु हामी द चुकल छि । मुदा , आहा सब जद्दी अहू ठाम प्रोग्र्रमे करब त हम अहू सब के चन्दा अवस्य देब ई हमर बचन थिक । किछो देरक उपरांत हम कहलियैक , देखू मुकेश चन्दा त हम लेबे करब आहा स मुदा हमारा लोकानी केर चन्दा स बेशी अपनेक सहयोग चाहि । मुकेश कहलक जे की भाईजी हम कोनो तरहक सहोयोग देबाक लेल सदिखन प्रस्तुत छि । ओही ठाम हम ५ गोटे निर्णय कयलोऊ जे की सब गोटे भोर में अहि बाबा पोखरी केर घाट पर ईकट्ठा होयब आ आगू की कोना होयत तकर निर्णय सर्व सम्मत स लेब ।


नहीं जानी कोना नहीं कोना अहि गपक भाझ परवीन आ जगरनाथ के लागी गेलै । ओ सब गोटे आपस में मंथन कर लागल जे की आगू की होयत । हुनका लोकिन के अहि गपक डर छलैन जे की आब हुनका लोकनिक चन्दा पूरत वा नहीं । प्रवीन केर एक टा चाचा छलखिन जिन कर नाम मोहन छलैन ओ हुनका दुनु गोटे केर ई कही निर्भीक केलकैन जे की अहि में चिंता केर कोण गप अछि । प्रविनक कथन छल जे की मोहन चा आहा गप केर नहीं बुझी रहल छियैक । ओ मोहन चा स एक टा सबाल पोछाल्कैक ? मोहन चा जिनकर - जिनकर घाट बाबा पोखरी पर होयत अछि से सब गोटे हमारा लोकानी के चन्दा कियक देत ?  मोहन चा अहि गप पर काफी चिंतित आ गंबीर भ कहलें , गप त तोहर ठीक छोऊ मुदा एकर कोनो समाधानों त नहीं अछि ।


भोर में जखन हम पाय्खाना करबाक हेतु बिडदा भेलाहू त सब गोटे हमारा बटाऊ बाबा केर दालान पर भेट भ गेलाह । हुनका सब गोटे क ५ मिनट कही हम कलम दिश बढ़ी गेलहू ।


बताऊ बाबा केर नाम त किछु आर छल मुदा सब गोटे हुनका बटाऊ कही शोर पारैत छलैन । बटाऊ बाबा नवल काका के पिताजी छलखिन आ हमर गाम वाला पिशा केर अपन छोट काका सेहो छलखिन ।


हम जखन कलम दिश स आय्लाऊ त सब गोटे बाबा पोखरी केर घाट पर भेट भ गेलाह । मनू कहलक भाईजी हम लिस्ट बना चुकल छि । हम ओकरा दिश बेशी ध्यान नहीं द हाथ में माटि ल पोखरी में हाथ मटियाब लाग्लोऊ । हाथ मतियेबाक उपरानत हम ओकरा स लिस्ट ल ओही लिस्ट केर बार गौर स देख लाग्लोऊ । लिस्ट देखबाक बाद हम मुकेश स पूचालियैक आ गप शाप करिते - करिते बताऊ बाबा के दालान पर आबी गेलहू ।

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